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सपनà¥à¤¯à¤¾à¤¹
हागà¥à¤—ै
जकरà¥à¤¯à¤¾à¤¹
मलाकी
मतà¥à¤¤à¥€
मरकà¥à¤¸
लूका
यूहनà¥à¤¨à¤¾
पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤à¥‹à¤‚ के काम
रोमियो
1 कà¥à¤°à¤¿à¤¨à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
2 कà¥à¤°à¤¿à¤¨à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
गलातियों
इफिसियों
फिलिपà¥à¤ªà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
कà¥à¤²à¥à¤¸à¥à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
1 थिसà¥à¤¸à¤²à¥à¤¨à¥€à¤•ियों
2 थिसà¥à¤¸à¤²à¥à¤¨à¥€à¤•ियों
1 तीमà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥à¤¸
2 तीमà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥à¤¸
तीतà¥à¤¸
फिलेमोन
इबà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
याकूब
1 पतरस
2 पतरस
1 यूहनà¥à¤¨à¤¾
2 यूहनà¥à¤¨à¤¾
3 यूहनà¥à¤¨à¤¾
यहूदा
पà¥à¤°à¤•ाशित वाकà¥à¤¯
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1 शमूà¤à¤² : 13
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शाऊल तीस वरà¥à¤· का हो कर राजà¥à¤¯ करने लगा, और उसने इसà¥à¤°à¤¾à¤à¤²à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ पर दो वरà¥à¤· तक राजà¥à¤¯ किया।
फिर शाऊल ने इसà¥à¤°à¤¾à¤à¤²à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में से तीन हजार पà¥à¤°à¥‚षों को अपने लिये चà¥à¤¨ लिया; और उन में से दो हजार शाऊल के साथ मिकमाश में और बेतेल के पहाड़ पर रहे, और à¤à¤• हजार योनातान के साथ बिनà¥à¤¯à¤¾à¤®à¥€à¤¨ के गिबा में रहे; और दूसरे सब लोगों को उसने अपने अपने डेरे में जाने को विदा किया।
तब योनातान ने पलिशà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की उस चौकी को जो गिबा में थी मार लिया; और इसका समाचार पलिशà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के कानों में पड़ा। तब शाऊल ने सारे देश में नरसिंगा फà¥à¤‚कवाकर यह कहला à¤à¥‡à¤œà¤¾, कि इबà¥à¤°à¥€ लोग सà¥à¤¨à¥‡à¤‚।
और सब इसà¥à¤°à¤¾à¤à¤²à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने यह समाचार सà¥à¤¨à¤¾ कि शाऊल ने पलिशà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की चौकी को मारा है, और यह à¤à¥€ कि पलिशà¥à¤¤à¥€ इसà¥à¤°à¤¾à¤à¤² से घृणा करने लगे हैं। तब लोग शाऊल के पीछे चलकर गिलगाल में इकटà¥à¤ े हो गà¤à¥¥
और पलिशà¥à¤¤à¥€ इसà¥à¤°à¤¾à¤à¤² से यà¥à¤¦à¥à¤§ करने के लिये इकटà¥à¤ े हो गà¤, अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ तीस हजार रथ, और छ: हजार सवार, और समà¥à¤¦à¥à¤° के तीर की बालू के किनकों के समान बहà¥à¤¤ से लोग इकटà¥à¤ े हà¥à¤; और बेतावेन के पूरà¥à¤µ की ओर जा कर मिकमाश में छावनी डाली।
जब इसà¥à¤°à¤¾à¤à¤²à¥€ पà¥à¤°à¥‚षों ने देखा कि हम सकेती में पड़े हैं (और सचमà¥à¤š लोग संकट में पड़े थे), तब वे लोग गà¥à¤«à¤¾à¤“ं, à¤à¤¾à¤¡à¤¼à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚, चटà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚, गढिय़ों, और गढ़हों में जा छिपे।
और कितने इबà¥à¤°à¥€ यरदन पार हो कर गाद और गिलाद के देशों में चले गà¤; परनà¥à¤¤à¥ शाऊल गिलगाल ही में रहा, और सब लोग थरथराते हà¥à¤ उसके पीछे हो लिà¤à¥¥
वह शमूà¤à¤² के ठहराठहà¥à¤ समय, अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ सात दिन तक बाट जोहता रहा; परनà¥à¤¤à¥ शमूà¤à¤² गिलगाल में न आया, और लोग उसके पास से इधर उधर होने लगे।
तब शाऊल ने कहा, होमबलि और मेलबलि मेरे पास लाओ। तब उसने होमबलि को चढ़ाया।
जà¥à¤¯à¥‹à¤‚ही वह होमबलि को चढ़ा चà¥à¤•ा, तो कà¥à¤¯à¤¾ देखता है कि शमूà¤à¤² आ पहà¥à¤‚चा; और शाऊल उस से मिलने और नमसà¥à¤•ार करने को निकला।
शमूà¤à¤² ने पूछा, तू ने कà¥à¤¯à¤¾ किया? शाऊल ने कहा, जब मैं ने देखा कि लोग मेरे पास से इधर उधर हो चले हैं, और तू ठहराठहà¥à¤ दिनों के à¤à¥€à¤¤à¤° नहीं आया, और पलिशà¥à¤¤à¥€ मिकपाश में इकटà¥à¤ े हà¥à¤ हैं,
तब मैं ने सोचा कि पलिशà¥à¤¤à¥€ गिलगाल में मà¥à¤ पर अà¤à¥€ आ पड़ेंगे, और मैं ने यहोवा से बिनती à¤à¥€ नहीं की है; सो मैं ने अपनी इचà¥à¤›à¤¾ न रहते à¤à¥€ होमबलि चढ़ाया।
शमूà¤à¤² ने शाऊल से कहा, तू ने मूरà¥à¤–ता का काम किया है; तू ने अपने परमेशà¥à¤µà¤° यहोवा की आजà¥à¤žà¤¾ को नहीं माना; नहीं तो यहोवा तेरा राजà¥à¤¯ इसà¥à¤°à¤¾à¤à¤²à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के ऊपर सदा सà¥à¤¥à¤¿à¤° रखता।
परनà¥à¤¤à¥ अब तेरा राजà¥à¤¯ बना न रहेगा; यहोवा ने अपने लिये à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ पà¥à¤°à¥‚ष को ढूंढ़ लिया है जो उसके मन के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° है; और यहोवा ने उसी को अपनी पà¥à¤°à¤œà¤¾ पर पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ होने को ठहराया है, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि तू ने यहोवा की आजà¥à¤žà¤¾ को नहीं माना॥
तब शमूà¤à¤² चल निकला, और गिलगाल से बिनà¥à¤¯à¤¾à¤®à¥€à¤¨ के गिबा को गया। और शाऊल ने अपने साथ के लोगों को गिनकर कोई छ: सौ पाà¤à¥¤
और शाऊल और उसका पà¥à¤¤à¥à¤° योनातान और जो लोग उनके साथ थे वे बिनà¥à¤¯à¤¾à¤®à¥€à¤¨ के गिबा में रहे; और पलिशà¥à¤¤à¥€ मिकमाश में डेरे डाले पड़े रहे।
और पलिशà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की छावनी से नाश करने वाले तीन दल बानà¥à¤§à¤•र निकल; à¤à¤• दल ने शूआल नाम देश की ओर फिर के ओपà¥à¤°à¤¾ का मारà¥à¤— लिया,
à¤à¤• और दल ने मà¥à¤¡à¤¼à¤•र बेथोरोन का मारà¥à¤— लिया, और à¤à¤• और दल ने मà¥à¤¡à¤¼à¤•र उस देश का मारà¥à¤— लिया जो सबोईम नाम तराई की ओर जंगल की तरफ है॥
और इसà¥à¤°à¤¾à¤à¤² के पूरे देश में लोहार कहीं नहीं मिलता था, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि पलिशà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने कहा था, कि इबà¥à¤°à¥€ तलवार वा à¤à¤¾à¤²à¤¾ बनाने न पांà¤;
इसलिये सब इसà¥à¤°à¤¾à¤à¤²à¥€ अपने अपने हल की फली, और à¤à¤¾à¤²à¥‡, और कà¥à¤²à¥à¤¹à¤¾à¤¡à¤¼à¥€, और हंसà¥à¤† तेज करने के लिये पलिशà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के पास जाते थे;
परनà¥à¤¤à¥ उनके हंसà¥à¤“ं, फालों, खेती के तà¥à¤°à¤¿à¤¶à¥‚लों, और कà¥à¤²à¥à¤¹à¤¾à¤¡à¤¿à¤¯à¤¼à¥‹à¤‚ की धारें, और पैनों की नोकें ठीक करने के लिये वे रेती रखते थे।
सो यà¥à¤¦à¥à¤§ के दिन शाऊल और योनातान के साथियों में से किसी के पास न तो तलवार थी और न à¤à¤¾à¤²à¤¾, वे केवल शाऊल और उसके पà¥à¤¤à¥à¤° योनातान के पास रहे।
और पलिशà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की चौकी के सिपाही निकलकर मिकमाश की घाटी को गà¤à¥¥
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