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वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤µà¤¿à¤µà¤°à¤£
यहोशू
रूत
1 शमूà¤à¤²
2 शमूà¤à¤²
1 राजा
2 राजा
1 इतिहास
2 इतिहास
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नहेमायाह
à¤à¤¸à¥à¤¤à¥‡à¤°
अयà¥à¤¯à¥‚ब
à¤à¤œà¤¨ संहिता
नीतिवचन
सà¤à¥‹à¤ªà¤¦à¥‡à¤¶à¤•
शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ गीत
यशायाह
यिरà¥à¤®à¤¯à¤¾à¤¹
विलापगीत
यहेजकेल
दानियà¥à¤¯à¥‡à¤²
होशे
योà¤à¤²
आमोस
ओबदà¥à¤¦à¤¾à¤¹
योना
मीका
नहूम
हबकà¥à¤•ूक
सपनà¥à¤¯à¤¾à¤¹
हागà¥à¤—ै
जकरà¥à¤¯à¤¾à¤¹
मलाकी
मतà¥à¤¤à¥€
मरकà¥à¤¸
लूका
यूहनà¥à¤¨à¤¾
पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤à¥‹à¤‚ के काम
रोमियो
1 कà¥à¤°à¤¿à¤¨à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
2 कà¥à¤°à¤¿à¤¨à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
गलातियों
इफिसियों
फिलिपà¥à¤ªà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
कà¥à¤²à¥à¤¸à¥à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
1 थिसà¥à¤¸à¤²à¥à¤¨à¥€à¤•ियों
2 थिसà¥à¤¸à¤²à¥à¤¨à¥€à¤•ियों
1 तीमà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥à¤¸
2 तीमà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥à¤¸
तीतà¥à¤¸
फिलेमोन
इबà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
याकूब
1 पतरस
2 पतरस
1 यूहनà¥à¤¨à¤¾
2 यूहनà¥à¤¨à¤¾
3 यूहनà¥à¤¨à¤¾
यहूदा
पà¥à¤°à¤•ाशित वाकà¥à¤¯
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पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤à¥‹à¤‚ के काम : 28
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जब हम बच निकले, तो जाना कि यह टापू मिलिते कहलाता है।
और उन जंगली लोगों ने हम पर अनोखी कृपा की; कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि मेंह के कारण जो बरस रहा था और जाड़े के कारण उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने आग सà¥à¤²à¤—ाकर हम सब को ठहराया।
जब पौलà¥à¤¸ ने लकिडय़ों का गटà¥à¤ ा बटोरकर आग पर रखा, तो à¤à¤• सांप आंच पाकर निकला और उसके हाथ से लिपट गया।
जब उन जंगलियों ने सांप को उसके हाथ में लटके हà¥à¤ देखा, तो आपस में कहा; सचमà¥à¤š यह मनà¥à¤·à¥à¤¯ हतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¾ है, कि यदà¥à¤¯à¤ªà¤¿ समà¥à¤¦à¥à¤° से बच गया, तौà¤à¥€ नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ ने जीवित रहने न दिया।
तब उस ने सांप को आग में à¤à¤Ÿà¤• दिया, और उसे कà¥à¤› हानि न पहà¥à¤‚ची।
परनà¥à¤¤à¥ वे बाट जोहते थे, कि वह सूज जाà¤à¤—ा, या à¤à¤•ाà¤à¤• गिर के मर जाà¤à¤—ा, परनà¥à¤¤à¥ जब वे बहà¥à¤¤ देर तक देखते रहे, और देखा, कि उसका कà¥à¤› à¤à¥€ नहीं बिगड़ा, तो और ही विचार कर कहा; यह तो कोई देवता है॥
उस जगह के आसपास पà¥à¤¬à¤²à¤¿à¤¯à¥à¤¸ नाम उस टापू के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ की à¤à¥‚मि थी: उस ने हमें अपने घर ले जाकर तीन दिन मितà¥à¤° à¤à¤¾à¤µ से पहà¥à¤¨à¤¾à¤ˆ की।
पà¥à¤¬à¤²à¤¿à¤¯à¥à¤¸ का पिता जà¥à¤µà¤° और आंव लोहू से रोगी पड़ा था: सो पौलà¥à¤¸ ने उसके पास घर में जाकर पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ की, और उस पर हाथ रखकर उसे चंगा किया।
जब à¤à¤¸à¤¾ हà¥à¤†, तो उस टापू के बाकी बीमार आà¤, और चंगे किठगà¤à¥¤
और उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने हमारा बहà¥à¤¤ आदर किया, और जब हम चलने लगे, तो जो कà¥à¤› हमें अवशà¥à¤¯ था, जहाज पर रख दिया॥
तीन महीने के बाद हम सिकनà¥à¤¦à¤¿à¤°à¤¯à¤¾ के à¤à¤• जहाज पर चल निकले, जो उस टापू में जाड़े à¤à¤° रहा था; और जिस का चिनà¥à¤¹ दियà¥à¤¸à¤•ूरी था।
सà¥à¤°à¤•ूसा में लंगर डाल करके हम तीन दिन टिके रहे।
वहां से हम घूमकर रेगियà¥à¤® में आà¤: और à¤à¤• दिन के बाद दकà¥à¤–िनी हवा चली तब हम दà¥à¤¸à¤°à¥‡ दिन पà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤²à¥€ में आà¤à¥¤
वहां हम को à¤à¤¾à¤ˆ मिले, और उन के कहने से हम उन के यहां सात दिन तक रहे; और इस रीति से रोम को चले।
वहां से à¤à¤¾à¤ˆ हमारा समाचार सà¥à¤¨à¤•र अपà¥à¤ªà¤¿à¤¯à¥à¤¸ के चौक और तीन-सराठतक हमारी à¤à¥‡à¤‚ट करने को निकल आठजिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ देखकर पौलà¥à¤¸ ने परमेशà¥à¤µà¤° का धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ किया, और ढाढ़स बानà¥à¤§à¤¾à¥¥
जब हम रोम में पहà¥à¤‚चे, तो पौलà¥à¤¸ को à¤à¤• सिपाही के साथ जो उस की रखवाली करता था, अकेले रहने की आजà¥à¤žà¤¾ हà¥à¤ˆà¥¥
तीन दिन के बाद उस ने यहूदियों के बड़े लोगों को बà¥à¤²à¤¾à¤¯à¤¾, और जब वे इकटà¥à¤ े हà¥à¤ तो उन से कहा; हे à¤à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚, मैं ने अपने लोगों के या बाप दादों के वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ के विरोध में कà¥à¤› à¤à¥€ नहीं किया, तौà¤à¥€ बनà¥à¤§à¥à¤† होकर यरूशलेम से रोमियों के हाथ सौंपा गया।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मà¥à¤à¥‡ जांच कर छोड़ देना चाहा, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि मà¥à¤ में मृतà¥à¤¯à¥ के योगà¥à¤¯ कोई दोष न था।
परनà¥à¤¤à¥ जब यहूदी इस के विरोध में बोलने लगे, तो मà¥à¤à¥‡ कैसर की दोहाई देनी पड़ी: न यह कि मà¥à¤à¥‡ अपने लागों पर कोई दोष लगाना था।
इसलिये मैं ने तà¥à¤® को बà¥à¤²à¤¾à¤¯à¤¾ है, कि तà¥à¤® से मिलूं और बातचीत करूं; कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इसà¥à¤¤à¥à¤°à¤¾à¤à¤² की आशा के लिये मैं इस जंजीर से जकड़ा हà¥à¤† हूं।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने उस से कहा; न हम ने तेरे विषय में यहूदियों से चिटà¥à¤ ियां पाईं, और न à¤à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ में से किसी ने आकर तेरे विषय में कà¥à¤› बताया, और न बà¥à¤°à¤¾ कहा।
परनà¥à¤¤à¥ तेरा विचार कà¥à¤¯à¤¾ है वही हम तà¥à¤ से सà¥à¤¨à¤¨à¤¾ चाहते हैं, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि हम जानते हैं, कि हर जगह इस मत के विरोध में लोग बातें कहते हैं॥
तब उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने उसके लिये à¤à¤• दिन ठहराया, और बहà¥à¤¤ लोग उसके यहां इकटà¥à¤ े हà¥à¤, और वह परमेशà¥à¤µà¤° के राजà¥à¤¯ की गवाही देता हà¥à¤†, और मूसा की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ और à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯à¤¦à¥à¤µà¤•à¥à¤¤à¤¾à¤“ं की पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•ों से यीशॠके विषय में समà¤à¤¾ समà¤à¤¾à¤•र à¤à¥‹à¤° से सांठतक वरà¥à¤£à¤¨ करता रहा।
तब कितनों ने उन बातों को मान लिया, और कितनों ने पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤à¤¿ न की।
जब आपस में à¤à¤• मत न हà¥à¤, तो पौलà¥à¤¸ के इस à¤à¤• बात के कहने पर चले गà¤, कि पवितà¥à¤° आतà¥à¤®à¤¾ ने यशायाह à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯à¤¦à¥à¤µà¤•à¥à¤¤à¤¾ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ बाप दादों से अचà¥à¤›à¤¾ कहा, कि जाकर इन लोगों से कह।
कि सà¥à¤¨à¤¤à¥‡ तो रहोगे, परनà¥à¤¤à¥ न समà¤à¥‹à¤—े, और देखते तो रहोगे, परनà¥à¤¤à¥ न बà¥à¤à¥‹à¤—े।
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इन लोगों का मन मोटा, और उन के कान à¤à¤¾à¤°à¥€ हो गà¤, और उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपनी आंखें बनà¥à¤¦ की हैं, à¤à¤¸à¤¾ न हो कि वे कà¤à¥€ आंखों से देखें, और कानों से सà¥à¤¨à¥‡à¤‚, और मन से समà¤à¥‡à¤‚ और फिरें, और मैं उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ चंगा करूं।
सो तà¥à¤® जानो, कि परमेशà¥à¤µà¤° के इस उदà¥à¤§à¤¾à¤° की कथा अनà¥à¤¯à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के पास à¤à¥‡à¤œà¥€ गई है, और वे सà¥à¤¨à¥‡à¤‚गे।
जब उस ने यह कहा तो यहूदी आपस में बहà¥à¤¤ विवाद करने लगे और वहां से चले गà¤à¥¥
और वह पूरे दो वरà¥à¤· अपने à¤à¤¾à¤¡à¤¼à¥‡ के घर में रहा।
और जो उसके पास आते थे, उन सब से मिलता रहा और बिना रोक टोक बहà¥à¤¤ निडर होकर परमेशà¥à¤µà¤° के राजà¥à¤¯ का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° करता और पà¥à¤°à¤à¥ यीशॠमसीह की बातें सिखाता रहा॥
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