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à¤à¤¸à¥à¤¤à¥‡à¤°
अयà¥à¤¯à¥‚ब
à¤à¤œà¤¨ संहिता
नीतिवचन
सà¤à¥‹à¤ªà¤¦à¥‡à¤¶à¤•
शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ गीत
यशायाह
यिरà¥à¤®à¤¯à¤¾à¤¹
विलापगीत
यहेजकेल
दानियà¥à¤¯à¥‡à¤²
होशे
योà¤à¤²
आमोस
ओबदà¥à¤¦à¤¾à¤¹
योना
मीका
नहूम
हबकà¥à¤•ूक
सपनà¥à¤¯à¤¾à¤¹
हागà¥à¤—ै
जकरà¥à¤¯à¤¾à¤¹
मलाकी
मतà¥à¤¤à¥€
मरकà¥à¤¸
लूका
यूहनà¥à¤¨à¤¾
पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤à¥‹à¤‚ के काम
रोमियो
1 कà¥à¤°à¤¿à¤¨à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
2 कà¥à¤°à¤¿à¤¨à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
गलातियों
इफिसियों
फिलिपà¥à¤ªà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
कà¥à¤²à¥à¤¸à¥à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
1 थिसà¥à¤¸à¤²à¥à¤¨à¥€à¤•ियों
2 थिसà¥à¤¸à¤²à¥à¤¨à¥€à¤•ियों
1 तीमà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥à¤¸
2 तीमà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥à¤¸
तीतà¥à¤¸
फिलेमोन
इबà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
याकूब
1 पतरस
2 पतरस
1 यूहनà¥à¤¨à¤¾
2 यूहनà¥à¤¨à¤¾
3 यूहनà¥à¤¨à¤¾
यहूदा
पà¥à¤°à¤•ाशित वाकà¥à¤¯
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पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤à¥‹à¤‚ के काम : 21
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जब हम ने उन से अलग होकर जहाज खोला, तो सीधे मारà¥à¤— से कोस में आà¤, और दूसरे दिन रूदà¥à¤¸ में, ओर वहां से पतरा में।
और à¤à¤• जहाज फीनीके को जाता हà¥à¤† मिला, और उस पर चढ़कर, उसे खोल दिया।
जब कà¥à¤ªà¥à¤°à¥à¤¸ दिखाई दिया, जो हम ने उसे बाà¤à¤‚ हाथ छोड़ा, और सूरिया को चलकर सूर में उतरे; कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वहां जहाज का बोठउतारना था।
और चेलों को पाकर हम वहां सात दिन तक रहे: उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने आतà¥à¤®à¤¾ के सिखाठपौलà¥à¤¸ से कहा, कि यरूशलेम में पांव न रखना।
जब वे दिन पूरे हो गà¤, तो हम वहां से चल दिà¤; ओर सब सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ और बालकों समेत हमें नगर के बाहर तक पहà¥à¤‚चाया और हम ने किनारे पर घà¥à¤Ÿà¤¨à¥‡ टेककर पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ की।
तब à¤à¤• दूसरे से विदा होकर, हम तो जहाज पर चढ़े, और वे अपने अपने घर लौट गà¤à¥¥
जब हम सूर से जलयातà¥à¤°à¤¾ पूरी करके पतà¥à¤²à¤¿à¤®à¤¯à¤¿à¤¸ में पहà¥à¤‚चे, और à¤à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ को नमसà¥à¤•ार करके उन के साथ à¤à¤• दिन रहे।
दूसरे दिन हम वहां से चलकर कैसरिया में आà¤, और फिलेपà¥à¤ªà¥à¤¸ सà¥à¤¸à¤®à¤¾à¤šà¤¾à¤° पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°à¤• के घर में जो सातों में से à¤à¤• था, जाकर उसके यहां रहे।
उस की चार कà¥à¤‚वारी पà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ थीं; जो à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤£à¥€ करती थीं।
जब हम वहां बहà¥à¤¤ दिन रह चà¥à¤•े, तो अगबà¥à¤¸ नाम à¤à¤• à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯à¤¦à¥à¤µà¤•à¥à¤¤à¤¾ यहूदिया से आया।
उस ने हमारे पास आकर पौलà¥à¤¸ का पटका लिया, और अपने हाथ पांव बानà¥à¤§à¤•र कहा; पवितà¥à¤° आतà¥à¤®à¤¾ यह कहता है, कि जिस मनà¥à¤·à¥à¤¯ का यह पटका है, उस को यरूशलेम में यहूदी इसी रीति से बानà¥à¤§à¥‡à¤‚गे, और अनà¥à¤¯à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के हाथ में सौंपेंगे।
जब ये बातें सà¥à¤¨à¥€, तो हम और वहां के लोगों ने उस से बिनती की, कि यरूशलेम को न जाà¤à¥¤
परनà¥à¤¤à¥ पौलà¥à¤¸ ने उतà¥à¤¤à¤° दिया, कि तà¥à¤® कà¥à¤¯à¤¾ करते हो, कि रो रोकर मेरा मन तोड़ते हो, मैं तो पà¥à¤°à¤à¥ यीशॠके नाम के लिये यरूशलेम में न केवल बानà¥à¤§à¥‡ जाने ही के लिये वरन मरने के लिये à¤à¥€ तैयार हूं।
जब उन से न माना तो हम यह कहकर चà¥à¤ª हो गà¤; कि पà¥à¤°à¤à¥ की इचà¥à¤›à¤¾ पूरी हो॥
उन दिनों के बाद हम बानà¥à¤§ छानà¥à¤§ कर यरूशलेम को चल दिà¤à¥¤
कैसरिया के à¤à¥€ कितने चेले हमारे साथ हो लिà¤, और मनासोन नाम कà¥à¤ªà¥à¤°à¥à¤¸ के à¤à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ चेले को साथ ले आà¤, कि हम उसके यहां टिकें॥
जब हम यरूशलेम में पहà¥à¤‚चे, तो à¤à¤¾à¤ˆ बड़े आननà¥à¤¦ के साथ हम से मिले।
दूसरे दिन पौलà¥à¤¸ हमें लेकर याकूब के पास गया, जहां सब पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ इकटà¥à¤ े थे।
तब उस ने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ नमसà¥à¤•ार करके, जो जो काम परमेशà¥à¤µà¤° ने उस की सेवकाई के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अनà¥à¤¯à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में किठथे, à¤à¤• à¤à¤• करके सब बताया।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने यह सà¥à¤¨à¤•र परमेशà¥à¤µà¤° की महिमा की, फिर उस से कहा; हे à¤à¤¾à¤ˆ, तू देखता है, कि यहूदियों में से कई हजार ने विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ किया है; और सब वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ के लिये धà¥à¤¨ लगाठहैं।
और उन को तेरे विषय में सिखाया गया है, कि तू अनà¥à¤¯à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में रहने वाले यहूदियों को मूसा से फिर जाने को सिखाता है, और कहता है, कि न अपने बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ का खतना कराओ ओर न रीतियों पर चलो: सो कà¥à¤¯à¤¾ किया जाà¤?
लोग अवशà¥à¤¯ सà¥à¤¨à¥‡à¤‚गे, कि तू आया है।
इसलिये जो हम तà¥à¤ से कहते हैं, वह कर: हमारे यहां चार मनà¥à¤·à¥à¤¯ हैं, जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मनà¥à¤¨à¤¤ मानी है।
उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ लेकर उस के साथ अपने आप को शà¥à¤¦à¥à¤§ कर; और उन के लिये खरà¥à¤šà¤¾ दे, कि वे सिर मà¥à¤£à¥à¤¡à¤¾à¤à¤‚: तब सब जान लेगें, कि जो बातें उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ तेरे विषय में सिखाई गईं, उन की कà¥à¤› जड़ नहीं है परनà¥à¤¤à¥ तू आप à¤à¥€ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ को मानकर उसके अनà¥à¤¸à¤¾à¤° चलता है।
परनà¥à¤¤à¥ उन अनà¥à¤¯à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के विषय में जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ ने विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ किया है, हम ने यह निरà¥à¤£à¤¯ करके लिख à¤à¥‡à¤œà¤¾ है कि वे मूरतों के सामà¥à¤¹à¤¨à¥‡ बलि किठहà¥à¤ मांस से, और लोहू से, और गला घोंटे हà¥à¤“ं के मांस से, और वà¥à¤¯à¤à¤¿à¤šà¤¾à¤° से, बचे रहें।
तब पौलà¥à¤¸ उन मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ को लेकर, और दूसरे दिन उन के साथ शà¥à¤¦à¥à¤§ होकर मनà¥à¤¦à¤¿à¤° में गया, और बता दिया, कि शà¥à¤¦à¥à¤§ होने के दिन, अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ उन में से हर à¤à¤• के लिये चढ़ावा चढ़ाठजाने तक के दिन कब पूरे होंगे॥
जब वे सात दिन पूरे होने पर थे, तो आसिया के यहूदियों ने पौलà¥à¤¸ को मनà¥à¤¦à¤¿à¤° में देखकर सब लोगों को उकसाया, और यों चिलà¥à¤²à¤¾à¤•र उस को पकड़ लिया।
कि हे इसà¥à¤¤à¥à¤°à¤¾à¤à¤²à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚, सहायता करो; यह वही मनà¥à¤·à¥à¤¯ है, जो लोगों के, और वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ के, और इस सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के विरोध में हर जगह सब लोगों को सिखाता है, यहां तक कि यà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को à¤à¥€ मनà¥à¤¦à¤¿à¤° में लाकर उस ने इस पवितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ को अपवितà¥à¤° किया है।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने तो इस से पहिले तà¥à¤°à¥à¤«à¤¿à¤®à¥à¤¸ इफिसी को उसके साथ नगर में देखा था, और समà¤à¤¤à¥‡ थे, कि पौलà¥à¤¸ उसे मनà¥à¤¦à¤¿à¤° में ले आया है।
तब सारे नगर में कोलाहल मच गया, और लोग दौड़कर इकटà¥à¤ े हà¥à¤, और पौलà¥à¤¸ को पकड़कर मनà¥à¤¦à¤¿à¤° के बाहर घसीट लाà¤, और तà¥à¤°à¤¨à¥à¤¤ दà¥à¤µà¤¾à¤° बनà¥à¤¦ किठगà¤à¥¤
जब वे उसे मार डालना चाहते थे, तो पलटन के सारदार को सनà¥à¤¦à¥‡à¤¶ पहà¥à¤‚चा कि सारे यरूशलेम में कोलाहल मच रहा है।
तब वह तà¥à¤°à¤¨à¥à¤¤ सिपाहियों और सूबेदारों को लेकर उन के पास नीचे दौड़ आया; और उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने पलटन के सरदार को और सिपाहियों को देख कर पौलà¥à¤¸ को मारने पीटने से हाथ उठाया।
तब पलटन के सरदार ने पास आकर उसे पकड़ लिया; और दो जंजीरों से बानà¥à¤§à¤¨à¥‡ की आजà¥à¤žà¤¾ देकर पूछने लगा, यह कौन है, और इस ने कà¥à¤¯à¤¾ किया है?
परनà¥à¤¤à¥ à¤à¥€à¤¡à¤¼ में से कोई कà¥à¤› और कोई कà¥à¤› चिलà¥à¤²à¤¾à¤¤à¥‡ रहे और जब हà¥à¤²à¥à¤²à¤¡à¤¼ के मारे ठीक सचà¥à¤šà¤¾à¤ˆ न जान सका, तो उसे गढ़ में ले जाने की आजà¥à¤žà¤¾ दी।
जब वह सीढ़ी पर पहà¥à¤‚चा, तो à¤à¤¸à¤¾ हà¥à¤†, कि à¤à¥€à¤¡à¤¼ के दबाव के मारे सिपाहियों को उसे उठाकर ले जाना पड़ा।
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि लोगों की à¤à¥€à¤¡à¤¼ यह चिलà¥à¤²à¤¾à¤¤à¥€ हà¥à¤ˆ उसके पीछे पड़ी, कि उसका अनà¥à¤¤ कर दो॥
जब वे पौलà¥à¤¸ को गढ़ में ले जाने पर थे, तो उस ने पलटन के सरदार से कहा; कà¥à¤¯à¤¾ मà¥à¤à¥‡ आजà¥à¤žà¤¾ है कि मैं तà¥à¤ से कà¥à¤› कहूं उस ने कहा; कà¥à¤¯à¤¾ तू यूनानी जानता है
कà¥à¤¯à¤¾ तू वह मिसरी नहीं, जो इन दिनों से पहिले बलवाई बना कर चार हजार कटारबनà¥à¤¦ लोगों को जंगल में ले गया?
पौलà¥à¤¸ ने कहा, मैं तो तरसà¥à¤¸ का यहूदी मनà¥à¤·à¥à¤¯ हूं! किलिकिया के पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ नगर का निवासी हूं: और मैं तà¥à¤ से बिनती करता हूं, कि मà¥à¤à¥‡ लोगों से बातें करने दे।
जब उस ने आजà¥à¤žà¤¾ दी, तो पौलà¥à¤¸ ने सीढ़ी पर खड़े होकर लोगों को हाथ से सैन किया: जब वे चà¥à¤ª हो गà¤, तो वह इबà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ में बोलने लगा, कि,
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