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योना
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नहूम
हबकà¥à¤•ूक
सपनà¥à¤¯à¤¾à¤¹
हागà¥à¤—ै
जकरà¥à¤¯à¤¾à¤¹
मलाकी
मतà¥à¤¤à¥€
मरकà¥à¤¸
लूका
यूहनà¥à¤¨à¤¾
पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤à¥‹à¤‚ के काम
रोमियो
1 कà¥à¤°à¤¿à¤¨à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
2 कà¥à¤°à¤¿à¤¨à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
गलातियों
इफिसियों
फिलिपà¥à¤ªà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
कà¥à¤²à¥à¤¸à¥à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
1 थिसà¥à¤¸à¤²à¥à¤¨à¥€à¤•ियों
2 थिसà¥à¤¸à¤²à¥à¤¨à¥€à¤•ियों
1 तीमà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥à¤¸
2 तीमà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥à¤¸
तीतà¥à¤¸
फिलेमोन
इबà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
याकूब
1 पतरस
2 पतरस
1 यूहनà¥à¤¨à¤¾
2 यूहनà¥à¤¨à¤¾
3 यूहनà¥à¤¨à¤¾
यहूदा
पà¥à¤°à¤•ाशित वाकà¥à¤¯
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उन दिनों में औगूसà¥à¤¤à¥à¤¸ कैसर की ओर से आजà¥à¤žà¤¾ निकली, कि सारे जगत के लोगों के नाम लिखे जाà¤à¤‚।
यह पहिली नाम लिखाई उस समय हà¥à¤ˆ, जब कà¥à¤µà¤¿à¤°à¤¿à¤¨à¤¿à¤¯à¥à¤¸ सूरिया का हाकिम था।
और सब लोग नाम लिखवाने के लिये अपने अपने नगर को गà¤à¥¤
सो यूसà¥à¤« à¤à¥€ इसलिये कि वह दाऊद के घराने और वंश का था, गलील के नासरत नगर से यहूदिया में दाऊद के नगर बैतलहम को गया।
कि अपनी मंगेतर मरियम के साथ जो गरà¥à¤à¤µà¤¤à¥€ थी नाम लिखवाà¤à¥¤
उन के वहां रहते हà¥à¤ उसके जनने के दिन पूरे हà¥à¤à¥¤
और वह अपना पहिलौठा पà¥à¤¤à¥à¤° जनी और उसे कपड़े में लपेटकर चरनी में रखा: कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उन के लिये सराय में जगह न थी।
और उस देश में कितने गड़ेरिये थे, जो रात को मैदान में रहकर अपने à¤à¥à¤£à¥à¤¡ का पहरा देते थे।
और पà¥à¤°à¤à¥ का à¤à¤• दूत उन के पास आ खड़ा हà¥à¤†; और पà¥à¤°à¤à¥ का तेज उन के चारों ओर चमका, और वे बहà¥à¤¤ डर गà¤à¥¤
तब सà¥à¤µà¤°à¥à¤—दूत ने उन से कहा, मत डरो; कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि देखो मैं तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ बड़े आननà¥à¤¦ का सà¥à¤¸à¤®à¤¾à¤šà¤¾à¤° सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¤¾ हूं जो सब लोगों के लिये होगा।
कि आज दाऊद के नगर में तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ लिये à¤à¤• उदà¥à¤§à¤¾à¤°à¤•रà¥à¤¤à¤¾ जनà¥à¤®à¤¾ है, और यही मसीह पà¥à¤°à¤à¥ है।
और इस का तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ लिये यह पता है, कि तà¥à¤® à¤à¤• बालक को कपड़े में लिपटा हà¥à¤† और चरनी में पड़ा पाओगे।
तब à¤à¤•ाà¤à¤• उस सà¥à¤µà¤°à¥à¤—दूत के साथ सà¥à¤µà¤°à¥à¤—दूतों का दल परमेशà¥à¤µà¤° की सà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ करते हà¥à¤ और यह कहते दिखाई दिया।
कि आकाश में परमेशà¥à¤µà¤° की महिमा और पृथà¥à¤µà¥€ पर उन मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ में जिनसे वह पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ है शानà¥à¤¤à¤¿ हो॥
जब सà¥à¤µà¤°à¥à¤—दूत उन के पास से सà¥à¤µà¤°à¥à¤— को चले गà¤, तो गड़ेरियों ने आपस में कहा, आओ, हम बैतलहम जाकर यह बात जो हà¥à¤ˆ है, और जिसे पà¥à¤°à¤à¥ ने हमें बताया है, देखें।
और उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने तà¥à¤°à¤¨à¥à¤¤ जाकर मरियम और यूसà¥à¤« को और चरनी में उस बालक को पड़ा देखा।
इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ देखकर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने वह बात जो इस बालक के विषय में उन से कही गई थी, पà¥à¤°à¤—ट की।
और सब सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ वालों ने उन बातों से जो गड़िरयों ने उन से कहीं आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯ किया।
परनà¥à¤¤à¥ मरियम ये सब बातें अपने मन में रखकर सोचती रही।
और गड़ेरिये जैसा उन से कहा गया था, वैसा ही सब सà¥à¤¨à¤•र और देखकर परमेशà¥à¤µà¤° की महिमा और सà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ करते हà¥à¤ लौट गà¤à¥¥
जब आठदिन पूरे हà¥à¤, और उसके खतने का समय आया, तो उसका नाम यीशॠरखा गया, जो सà¥à¤µà¤°à¥à¤—दूत ने उसके पेट में आने से पहिले कहा था।
और जब मूसा की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° उन के शà¥à¤¦à¥à¤§ होने के दिन पूरे हà¥à¤ तो वे उसे यरूशलेम में ले गà¤, कि पà¥à¤°à¤à¥ के सामने लाà¤à¤‚।
(जैसा कि पà¥à¤°à¤à¥ की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में लिखा है कि हर à¤à¤• पहिलौठा पà¥à¤°à¤à¥ के लिये पवितà¥à¤° ठहरेगा)।
और पà¥à¤°à¤à¥ की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ के वचन के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° पंडà¥à¤•ों का à¤à¤• जोड़ा, या कबूतर के दो बचà¥à¤šà¥‡ ला कर बलिदान करें।
और देखो, यरूशलेम में शमौन नाम à¤à¤• मनà¥à¤·à¥à¤¯ था, और वह मनà¥à¤·à¥à¤¯ धरà¥à¤®à¥€ और à¤à¤•à¥à¤¤ था; और इसà¥à¤°à¤¾à¤à¤² की शानà¥à¤¤à¤¿ की बाट जोह रहा था, और पवितà¥à¤° आतà¥à¤®à¤¾ उस पर था।
और पवितà¥à¤° आतà¥à¤®à¤¾ से उस को चितावनी हà¥à¤ˆ थी, कि जब तक तू पà¥à¤°à¤à¥ के मसीह को देख ने लेगा, तक तक मृतà¥à¤¯à¥ को न देखेगा।
और वह आतà¥à¤®à¤¾ के सिखाने से मनà¥à¤¦à¤¿à¤° में आया; और जब माता-पिता उस बालक यीशॠको à¤à¥€à¤¤à¤° लाà¤, कि उसके लिये वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ की रीति के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° करें।
तो उस ने उसे अपनी गोद में लिया और परमेशà¥à¤µà¤° का धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ करके कहा,
हे सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€, अब तू अपने दास को अपने वचन के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° शानà¥à¤¤à¤¿ से विदा करता है।
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि मेरी आंखो ने तेरे उदà¥à¤§à¤¾à¤° को देख लिया है।
जिसे तू ने सब देशों के लोगों के सामà¥à¤¹à¤¨à¥‡ तैयार किया है।
कि वह अनà¥à¤¯ जातियों को पà¥à¤°à¤•ाश देने के लिये जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿, और तेरे निज लोग इसà¥à¤°à¤¾à¤à¤² की महिमा हो।
और उसका पिता और उस की माता इन बातों से जो उसके विषय में कही जाती थीं, आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯ करते थे।
तब शमौन ने उन को आशीष देकर, उस की माता मरियम से कहा; देख, वह तो इसà¥à¤°à¤¾à¤à¤² में बहà¥à¤¤à¥‹à¤‚ के गिरने, और उठने के लिये, और à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ चिनà¥à¤¹ होने के लिये ठहराया गया है, जिस के विरोध में बातें की जाà¤à¤—ीं --
वरन तेरा पà¥à¤°à¤¾à¤£ à¤à¥€ तलवार से वार पार छिद जाà¤à¤—ा-- इस से बहà¥à¤¤ हृदयों के विचार पà¥à¤°à¤—ट होंगे।
और अशेर के गोतà¥à¤° में से हनà¥à¤¨à¤¾à¤¹ नाम फनूà¤à¤² की बेटी à¤à¤• à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯à¤¦à¥à¤µà¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¨ थी: वह बहà¥à¤¤ बूढ़ी थी, और बà¥à¤¯à¤¾à¤¹ होने के बाद सात वरà¥à¤· अपने पति के साथ रह पाई थी।
वह चौरासी वरà¥à¤· से विधवा थी: और मनà¥à¤¦à¤¿à¤° को नहीं छोड़ती थी पर उपवास और पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ कर करके रात-दिन उपासना किया करती थी।
और वह उस घड़ी वहां आकर पà¥à¤°à¤à¥ का धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ करने लगी, और उन सà¤à¥‹à¤‚ से, जो यरूशलेम के छà¥à¤Ÿà¤•ारे की बाट जोहते थे, उसके विषय में बातें करने लगी।
और जब वे पà¥à¤°à¤à¥ की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° सब कà¥à¤› निपटा चà¥à¤•े तो गलील में अपने नगर नासरत को फिर चले गà¤à¥¥
और बालक बढ़ता, और बलवनà¥à¤¤ होता, और बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ से परिपूरà¥à¤£ होता गया; और परमेशà¥à¤µà¤° का अनà¥à¤—à¥à¤°à¤¹ उस पर था।
उसके माता-पिता पà¥à¤°à¤¤à¤¿ वरà¥à¤· फसह के परà¥à¤µ में यरूशलेम को जाया करते थे।
जब वह बारह वरà¥à¤· का हà¥à¤†, तो वे परà¥à¤µ की रीति के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° यरूशलेम को गà¤à¥¤
और जब वे उन दिनों को पूरा करके लौटने लगे, तो वह लड़का यीशॠयरूशलेम में रह गया; और यह उसके माता-पिता नहीं जानते थे।
वे यह समà¤à¤•र, कि वह और यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के साथ होगा, à¤à¤• दिन का पड़ाव निकल गà¤: और उसे अपने कà¥à¤Ÿà¥à¤®à¥à¤¬à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ और जान-पहचानों में ढूंढ़ने लगे।
पर जब नहीं मिला, तो ढूंढ़ते-ढूंढ़ते यरूशलेम को फिर लौट गà¤à¥¤
और तीन दिन के बाद उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने उसे मनà¥à¤¦à¤¿à¤° में उपदेशकों के बीच में बैठे, उन की सà¥à¤¨à¤¤à¥‡ और उन से पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ करते हà¥à¤ पाया।
और जितने उस की सà¥à¤¨ रहे थे, वे सब उस की समठऔर उसके उतà¥à¤¤à¤°à¥‹à¤‚ से चकित थे।
तब वे उसे देखकर चकित हà¥à¤ और उस की माता ने उस से कहा; हे पà¥à¤¤à¥à¤°, तू ने हम से कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ à¤à¤¸à¤¾ वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° किया? देख, तेरा पिता और मैं कà¥à¤¢à¤¼à¤¤à¥‡ हà¥à¤ तà¥à¤à¥‡ ढूंढ़ते थे।
उस ने उन से कहा; तà¥à¤® मà¥à¤à¥‡ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ ढूंढ़ते थे? कà¥à¤¯à¤¾ नहीं जानते थे, कि मà¥à¤à¥‡ अपने पिता के à¤à¤µà¤¨ में होना अवशà¥à¤¯ है?
परनà¥à¤¤à¥ जो बात उस ने उन से कही, उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने उसे नहीं समà¤à¤¾à¥¤
तब वह उन के साथ गया, और नासरत में आया, और उन के वश में रहा; और उस की माता ने ये सब बातें अपने मन में रखीं॥
और यीशॠबà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ और डील-डौल में और परमेशà¥à¤µà¤° और मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤—à¥à¤°à¤¹ में बढ़ता गया॥
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