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1 राजा
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2 इतिहास
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à¤à¤¸à¥à¤¤à¥‡à¤°
अयà¥à¤¯à¥‚ब
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नीतिवचन
सà¤à¥‹à¤ªà¤¦à¥‡à¤¶à¤•
शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ गीत
यशायाह
यिरà¥à¤®à¤¯à¤¾à¤¹
विलापगीत
यहेजकेल
दानियà¥à¤¯à¥‡à¤²
होशे
योà¤à¤²
आमोस
ओबदà¥à¤¦à¤¾à¤¹
योना
मीका
नहूम
हबकà¥à¤•ूक
सपनà¥à¤¯à¤¾à¤¹
हागà¥à¤—ै
जकरà¥à¤¯à¤¾à¤¹
मलाकी
मतà¥à¤¤à¥€
मरकà¥à¤¸
लूका
यूहनà¥à¤¨à¤¾
पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤à¥‹à¤‚ के काम
रोमियो
1 कà¥à¤°à¤¿à¤¨à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
2 कà¥à¤°à¤¿à¤¨à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
गलातियों
इफिसियों
फिलिपà¥à¤ªà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
कà¥à¤²à¥à¤¸à¥à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
1 थिसà¥à¤¸à¤²à¥à¤¨à¥€à¤•ियों
2 थिसà¥à¤¸à¤²à¥à¤¨à¥€à¤•ियों
1 तीमà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥à¤¸
2 तीमà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥à¤¸
तीतà¥à¤¸
फिलेमोन
इबà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
याकूब
1 पतरस
2 पतरस
1 यूहनà¥à¤¨à¤¾
2 यूहनà¥à¤¨à¤¾
3 यूहनà¥à¤¨à¤¾
यहूदा
पà¥à¤°à¤•ाशित वाकà¥à¤¯
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इसलिये कि बहà¥à¤¤à¥‹à¤‚ ने उन बातों को जो हमारे बीच में होती हैं इतिहास लिखने में हाथ लगाया है।
जैसा कि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने जो पहिले ही से इन बातों के देखने वाले और वचन के सेवक थे हम तक पहà¥à¤‚चाया।
इसलिये हे शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¾à¤¨ थियà¥à¤«à¤¿à¤²à¥à¤¸ मà¥à¤à¥‡ à¤à¥€ यह उचित मालूम हà¥à¤† कि उन सब बातों का समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ हाल आरमà¥à¤ से ठीक ठीक जांच करके उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ तेरे लिये कà¥à¤°à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° लिखूं।
कि तू यह जान ले, कि वे बातें जिनकी तू ने शिकà¥à¤·à¤¾ पाई है, कैसी अटल हैं॥
यहूदियों के राजा हेरोदेस के समय अबियà¥à¤¯à¤¾à¤¹ के दल में जकरयाह नाम का à¤à¤• याजक था, और उस की पतà¥à¤¨à¥€ हारून के वंश की थी, जिस का नाम इलीशिबा था।
और वे दोनों परमेशà¥à¤µà¤° के सामà¥à¤¹à¤¨à¥‡ धरà¥à¤®à¥€ थे: और पà¥à¤°à¤à¥ की सारी आजà¥à¤žà¤¾à¤“ं और विधियों पर निरà¥à¤¦à¥‹à¤· चलने वाले थे। उन के कोई à¤à¥€ सनà¥à¤¤à¤¾à¤¨ न थी,
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इलीशिबा बांठथी, और वे दोनों बूढ़े थे॥
जब वह अपने दलकी पारी पर परमेशà¥à¤µà¤° के सामà¥à¤¹à¤¨à¥‡ याजक का काम करता था।
तो याजकों की रीति के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° उसके नाम पर चिटà¥à¤ ी निकली, कि पà¥à¤°à¤à¥ के मनà¥à¤¦à¤¿à¤° में जाकर धूप जलाà¤à¥¤
और धूप जलाने के समय लोगों की सारी मणà¥à¤¡à¤²à¥€ बाहर पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ कर रही थी।
कि पà¥à¤°à¤à¥ का à¤à¤• सà¥à¤µà¤°à¥à¤—दूत धूप की वेदी की दाहिनी ओर खड़ा हà¥à¤† उस को दिखाई दिया।
और जकरयाह देखकर घबराया और उस पर बड़ा à¤à¤¯ छा गया।
परनà¥à¤¤à¥ सà¥à¤µà¤°à¥à¤—दूत ने उस से कहा, हे जकरयाह, à¤à¤¯à¤à¥€à¤¤ न हो कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि तेरी पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ सà¥à¤¨ ली गई है और तेरी पतà¥à¤¨à¥€ इलीशिबा से तेरे लिये à¤à¤• पà¥à¤¤à¥à¤° उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ होगा, और तू उसका नाम यूहनà¥à¤¨à¤¾ रखना।
और तà¥à¤à¥‡ आननà¥à¤¦ और हरà¥à¤· होगा: और बहà¥à¤¤ लोग उसके जनà¥à¤® के कारण आननà¥à¤¦à¤¿à¤¤ होंगे।
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वह पà¥à¤°à¤à¥ के सामà¥à¤¹à¤¨à¥‡ महान होगा; और दाखरस और मदिरा कà¤à¥€ न पिà¤à¤—ा; और अपनी माता के गरà¥à¤ ही से पवितà¥à¤° आतà¥à¤®à¤¾ से परिपूरà¥à¤£ हो जाà¤à¤—ा।
और इसà¥à¤°à¤¾à¤à¤²à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में से बहà¥à¤¤à¥‡à¤°à¥‹à¤‚ को उन के पà¥à¤°à¤à¥ परमेशà¥à¤µà¤° की ओर फेरेगा।
वह à¤à¤²à¤¿à¤¯à¥à¤¯à¤¾à¤¹ की आतà¥à¤®à¤¾ और सामरà¥à¤¥ में हो कर उसके आगे आगे चलेगा, कि पितरों का मन लड़के बालों की ओर फेर दे; और आजà¥à¤žà¤¾ न मानने वालों को धमिरà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की समठपर लाà¤; और पà¥à¤°à¤à¥ के लिये à¤à¤• योगà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤œà¤¾ तैयार करे।
जकरयाह ने सà¥à¤µà¤°à¥à¤—दूत से पूछा; यह मैं कैसे जानूं? कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि मैं तो बूढ़ा हूं; और मेरी पतà¥à¤¨à¥€ à¤à¥€ बूढ़ी हो गई है।
सà¥à¤µà¤°à¥à¤—दूत ने उस को उतà¥à¤¤à¤° दिया, कि मैं जिबà¥à¤°à¤¾à¤ˆà¤² हूं, जो परमेशà¥à¤µà¤° के सामà¥à¤¹à¤¨à¥‡ खड़ा रहता हूं; और मैं तà¥à¤ से बातें करने और तà¥à¤à¥‡ यह सà¥à¤¸à¤®à¤¾à¤šà¤¾à¤° सà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¥‡ को à¤à¥‡à¤œà¤¾ गया हूं।
और देख जिस दिन तक ये बातें पूरी न हो लें, उस दिन तक तू मौन रहेगा, और बोल न सकेगा, इसलिये कि तू ने मेरी बातों की जो अपने समय पर पूरी होंगी, पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤à¤¿ न की।
और लोग जकरयाह की बाट देखते रहे और अचमà¥à¤à¤¾ करने लगे कि उसे मनà¥à¤¦à¤¿à¤° में à¤à¤¸à¥€ देर कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ लगी?
जब वह बाहर आया, तो उन से बोल न सका: सो वे जान गà¤, कि उस ने मनà¥à¤¦à¤¿à¤° में कोई दरà¥à¤¶à¤¨ पाया है; और वह उन से संकेत करता रहा, और गूंगा रह गया।
जब उस की सेवा के दिन पूरे हà¥à¤, तो वह अपने घर चला गया॥
इन दिनों के बाद उस की पतà¥à¤¨à¥€ इलीशिबा गरà¥à¤à¤µà¤¤à¥€ हà¥à¤ˆ; और पांच महीने तक अपने आप को यह कह के छिपाठरखा।
कि मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ में मेरा अपमान दूर करने के लिये पà¥à¤°à¤à¥ ने इन दिनों में कृपा दृषà¥à¤Ÿà¤¿ करके मेरे लिये à¤à¤¸à¤¾ किया है॥
छठवें महीने में परमेशà¥à¤µà¤° की ओर से जिबà¥à¤°à¤¾à¤ˆà¤² सà¥à¤µà¤°à¥à¤—दूत गलील के नासरत नगर में à¤à¤• कà¥à¤‚वारी के पास à¤à¥‡à¤œà¤¾ गया।
जिस की मंगनी यूसà¥à¤« नाम दाऊद के घराने के à¤à¤• पà¥à¤°à¥‚ष से हà¥à¤ˆ थी: उस कà¥à¤‚वारी का नाम मरियम था।
और सà¥à¤µà¤°à¥à¤—दूत ने उसके पास à¤à¥€à¤¤à¤° आकर कहा; आननà¥à¤¦ और जय तेरी हो, जिस पर ईशà¥à¤µà¤° का अनà¥à¤—à¥à¤°à¤¹ हà¥à¤† है, पà¥à¤°à¤à¥ तेरे साथ है।
वह उस वचन से बहà¥à¤¤ घबरा गई, और सोचने लगी, कि यह किस पà¥à¤°à¤•ार का अà¤à¤¿à¤µà¤¾à¤¦à¤¨ है?
सà¥à¤µà¤°à¥à¤—दूत ने उस से कहा, हे मरियम; à¤à¤¯à¤à¥€à¤¤ न हो, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि परमेशà¥à¤µà¤° का अनà¥à¤—à¥à¤°à¤¹ तà¥à¤ पर हà¥à¤† है।
और देख, तू गरà¥à¤à¤µà¤¤à¥€ होगी, और तेरे à¤à¤• पà¥à¤¤à¥à¤° उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ होगा; तू उसका नाम यीशॠरखना।
वह महान होगा; और परमपà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ का पà¥à¤¤à¥à¤° कहलाà¤à¤—ा; और पà¥à¤°à¤à¥ परमेशà¥à¤µà¤° उसके पिता दाऊद का सिंहासन उस को देगा।
और वह याकूब के घराने पर सदा राजà¥à¤¯ करेगा; और उसके राजà¥à¤¯ का अनà¥à¤¤ न होगा।
मरियम ने सà¥à¤µà¤°à¥à¤—दूत से कहा, यह कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कर होगा? मैं तो पà¥à¤°à¥‚ष को जानती ही नहीं।
सà¥à¤µà¤°à¥à¤—दूत ने उस को उतà¥à¤¤à¤° दिया; कि पवितà¥à¤° आतà¥à¤®à¤¾ तà¥à¤ पर उतरेगा, और परमपà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ की सामरà¥à¤¥ तà¥à¤ पर छाया करेगी इसलिये वह पवितà¥à¤° जो उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ होनेवाला है, परमेशà¥à¤µà¤° का पà¥à¤¤à¥à¤° कहलाà¤à¤—ा।
और देख, और तेरी कà¥à¤Ÿà¥à¤®à¥à¤¬à¤¿à¤¨à¥€ इलीशिबा के à¤à¥€ बà¥à¤¢à¤¼à¤¾à¤ªà¥‡ में पà¥à¤¤à¥à¤° होनेवाला है, यह उसका, जो बांठकहलाती थी छठवां महीना है।
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि जो वचन परमेशà¥à¤µà¤° की ओर से होता है वह पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤°à¤¿à¤¹à¤¤ नहीं होता।
मरियम ने कहा, देख, मैं पà¥à¤°à¤à¥ की दासी हूं, मà¥à¤à¥‡ तेरे वचन के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° हो: तब सà¥à¤µà¤°à¥à¤—दूत उसके पास से चला गया॥
उन दिनों में मरियम उठकर शीघà¥à¤° ही पहाड़ी देश में यहूदा के à¤à¤• नगर को गई।
और जकरयाह के घर में जाकर इलीशिबा को नमसà¥à¤•ार किया।
जà¥à¤¯à¥‹à¤‚ही इलीशिबा ने मरियम का नमसà¥à¤•ार सà¥à¤¨à¤¾, तà¥à¤¯à¥‹à¤‚ही बचà¥à¤šà¤¾ उसके पेट में उछला, और इलीशिबा पवितà¥à¤° आतà¥à¤®à¤¾ से परिपूरà¥à¤£ हो गई।
और उस ने बड़े शबà¥à¤¦ से पà¥à¤•ार कर कहा, तू सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में धनà¥à¤¯ है, और तेरे पेट का फल धनà¥à¤¯ है।
और यह अनà¥à¤—à¥à¤°à¤¹ मà¥à¤à¥‡ कहां से हà¥à¤†, कि मेरे पà¥à¤°à¤à¥ की माता मेरे पास आई?
और देख जà¥à¤¯à¥‹à¤‚ही तेरे नमसà¥à¤•ार का शबà¥à¤¦ मेरे कानों में पड़ा तà¥à¤¯à¥‹à¤‚ही बचà¥à¤šà¤¾ मेरे पेट में आननà¥à¤¦ से उछल पड़ा।
और धनà¥à¤¯ है, वह जिस ने विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ किया कि जो बातें पà¥à¤°à¤à¥ की ओर से उस से कही गईं, वे पूरी होंगी।
तब मरियम ने कहा, मेरा पà¥à¤°à¤¾à¤£ पà¥à¤°à¤à¥ की बड़ाई करता है।
और मेरी आतà¥à¤®à¤¾ मेरे उदà¥à¤§à¤¾à¤° करने वाले परमेशà¥à¤µà¤° से आननà¥à¤¦à¤¿à¤¤ हà¥à¤ˆà¥¤
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उस ने अपनी दासी की दीनता पर दृषà¥à¤Ÿà¤¿ की है, इसलिये देखो, अब से सब यà¥à¤— यà¥à¤— के लोग मà¥à¤à¥‡ धनà¥à¤¯ कहेंगे।
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उस शकà¥à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ ने मेरे लिये बड़े बड़े काम किठहैं, और उसका नाम पवितà¥à¤° है।
और उस की दया उन पर, जो उस से डरते हैं, पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है।
उस ने अपना à¤à¥à¤œà¤¬à¤² दिखाया, और जो अपने आप को बड़ा समà¤à¤¤à¥‡ थे, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ तितà¥à¤¤à¤°-बितà¥à¤¤à¤° किया।
उस ने बलवानों को सिंहासनों से गिरा दिया; और दीनों को ऊंचा किया।
उस ने à¤à¥‚खों को अचà¥à¤›à¥€ वसà¥à¤¤à¥à¤“ं से तृपà¥à¤¤ किया, और धनवानों को छूछे हाथ निकाल दिया।
उस ने अपने सेवक इसà¥à¤°à¤¾à¤à¤² को समà¥à¤à¤¾à¤² लिया।
कि अपनी उस दया को सà¥à¤®à¤°à¤£ करे, जो इबà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥€à¤® और उसके वंश पर सदा रहेगी, जैसा उस ने हमारे बाप-दादों से कहा था।
मरियम लगà¤à¤— तीन महीने उसके साथ रहकर अपने घर लौट गई॥
तब इलीशिबा के जनने का समय पूरा हà¥à¤†, और वह पà¥à¤¤à¥à¤° जनी।
उसके पड़ोसियों और कà¥à¤Ÿà¥à¤®à¥à¤¬à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने यह सà¥à¤¨ कर, कि पà¥à¤°à¤à¥ ने उस पर बड़ी दया की है, उसके साथ आननà¥à¤¦à¤¿à¤¤ हà¥à¤à¥¤
और à¤à¤¸à¤¾ हà¥à¤† कि आठवें दिन वे बालक का खतना करने आठऔर उसका नाम उसके पिता के नाम पर जकरयाह रखने लगे।
और उस की माता ने उतà¥à¤¤à¤° दिया कि नहीं; वरन उसका नाम यूहनà¥à¤¨à¤¾ रखा जाà¤à¥¤
और उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने उस से कहा, तेरे कà¥à¤Ÿà¥à¤®à¥à¤¬ में किसी का यह नाम नहीं।
तब उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने उसके पिता से संकेत करके पूछा।
कि तू उसका नाम कà¥à¤¯à¤¾ रखना चाहता है? और उस ने लिखने की पटà¥à¤Ÿà¥€ मंगाकर लिख दिया, कि उसका नाम यूहनà¥à¤¨à¤¾ है: और सà¤à¥‹à¤‚ ने अचमà¥à¤à¤¾ किया।
तब उसका मà¥à¤‚ह और जीठतà¥à¤°à¤¨à¥à¤¤ खà¥à¤² गई; और वह बोलने और परमेशà¥à¤µà¤° का धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ करने लगा।
और उसके आस पास के सब रहने वालों पर à¤à¤¯ छा गया; और उन सब बातों की चरà¥à¤šà¤¾ यहूदिया के सारे पहाड़ी देश में फैल गई।
और सब सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ वालों ने अपने अपने मन में विचार करके कहा, यह बालक कैसा होगा कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि पà¥à¤°à¤à¥ का हाथ उसके साथ था॥
और उसका पिता जकरयाह पवितà¥à¤° आतà¥à¤®à¤¾ से परिपूरà¥à¤£ हो गया, और à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯à¤¦à¥à¤µà¤µà¤¾à¤£à¥€ करने लगा।
कि पà¥à¤°à¤à¥ इसà¥à¤°à¤¾à¤à¤² का परमेशà¥à¤µà¤° धनà¥à¤¯ हो, कि उस ने अपने लोगों पर दृषà¥à¤Ÿà¤¿ की और उन का छà¥à¤Ÿà¤•ारा किया है।
और अपने सेवक दाऊद के घराने में हमारे लिये à¤à¤• उदà¥à¤§à¤¾à¤° का सींग निकाला।
जैसे उस ने अपने पवितà¥à¤° à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯à¤¦à¥à¤µà¤•à¥à¤¤à¤¾à¤“ं के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ जो जगत के आदि से होते आठहैं, कहा था।
अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ हमारे शतà¥à¤°à¥à¤“ं से, और हमारे सब बैरियों के हाथ से हमारा उदà¥à¤§à¤¾à¤° किया है।
कि हमारे बाप-दादों पर दया करके अपनी पवितà¥à¤° वाचा का सà¥à¤®à¤°à¤£ करे।
और वह शपथ जो उस ने हमारे पिता इबà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥€à¤® से खाई थी।
कि वह हमें यह देगा, कि हम अपने शतà¥à¤°à¥à¤“ं के हाथ से छà¥à¤Ÿà¤•र।
उसके सामà¥à¤¹à¤¨à¥‡ पवितà¥à¤°à¤¤à¤¾ और धामिरà¥à¤•ता से जीवन à¤à¤° निडर रहकर उस की सेवा करते रहें।
और तू हे बालक, परमपà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ का à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯à¤¦à¥à¤µà¤•à¥à¤¤à¤¾ कहलाà¤à¤—ा, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि तू पà¥à¤°à¤à¥ के मारà¥à¤— तैयार करने के लिये उसके आगे आगे चलेगा,
कि उसके लोगों को उदà¥à¤§à¤¾à¤° का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ दे, जो उन के पापों की कà¥à¤·à¤®à¤¾ से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होता है।
यह हमारे परमेशà¥à¤µà¤° की उसी बड़ी करूणा से होगा; जिस के कारण ऊपर से हम पर à¤à¥‹à¤° का पà¥à¤°à¤•ाश उदय होगा।
कि अनà¥à¤§à¤•ार और मृतà¥à¤¯à¥ की छाया में बैठने वालों को जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ दे, और हमारे पांवों को कà¥à¤¶à¤² के मारà¥à¤— में सीधे चलाà¤à¥¥
और वह बालक बढ़ता और आतà¥à¤®à¤¾ में बलवनà¥à¤¤ होता गया, और इसà¥à¤°à¤¾à¤à¤² पर पà¥à¤°à¤—ट होने के दिन तक जंगलों में रहा।
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