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उतà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿
निरà¥à¤—मन
लैवà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾
गिनती
वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤µà¤¿à¤µà¤°à¤£
यहोशू
रूत
1 शमूà¤à¤²
2 शमूà¤à¤²
1 राजा
2 राजा
1 इतिहास
2 इतिहास
à¤à¤œà¥à¤°à¤¾
नहेमायाह
à¤à¤¸à¥à¤¤à¥‡à¤°
अयà¥à¤¯à¥‚ब
à¤à¤œà¤¨ संहिता
नीतिवचन
सà¤à¥‹à¤ªà¤¦à¥‡à¤¶à¤•
शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ गीत
यशायाह
यिरà¥à¤®à¤¯à¤¾à¤¹
विलापगीत
यहेजकेल
दानियà¥à¤¯à¥‡à¤²
होशे
योà¤à¤²
आमोस
ओबदà¥à¤¦à¤¾à¤¹
योना
मीका
नहूम
हबकà¥à¤•ूक
सपनà¥à¤¯à¤¾à¤¹
हागà¥à¤—ै
जकरà¥à¤¯à¤¾à¤¹
मलाकी
मतà¥à¤¤à¥€
मरकà¥à¤¸
लूका
यूहनà¥à¤¨à¤¾
पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤à¥‹à¤‚ के काम
रोमियो
1 कà¥à¤°à¤¿à¤¨à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
2 कà¥à¤°à¤¿à¤¨à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
गलातियों
इफिसियों
फिलिपà¥à¤ªà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
कà¥à¤²à¥à¤¸à¥à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
1 थिसà¥à¤¸à¤²à¥à¤¨à¥€à¤•ियों
2 थिसà¥à¤¸à¤²à¥à¤¨à¥€à¤•ियों
1 तीमà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥à¤¸
2 तीमà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥à¤¸
तीतà¥à¤¸
फिलेमोन
इबà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
याकूब
1 पतरस
2 पतरस
1 यूहनà¥à¤¨à¤¾
2 यूहनà¥à¤¨à¤¾
3 यूहनà¥à¤¨à¤¾
यहूदा
पà¥à¤°à¤•ाशित वाकà¥à¤¯
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नीतिवचन : 24
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बà¥à¤°à¥‡ लोगों के विषय में डाह न करना, और न उसकी संगति की चाह रखना;
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वे उपदà¥à¤°à¤µ सोचते रहते हैं, और उनके मà¥à¤‚ह से दà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¤à¤¾ की बात निकलती है।
घर बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ से बनता है, और समठके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सà¥à¤¥à¤¿à¤° होता है।
जà¥à¤žà¤¾à¤¨ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ कोठरियां सब पà¥à¤°à¤•ार की बहà¥à¤®à¥‚लà¥à¤¯ और मनà¤à¤¾à¤Š वसà¥à¤¤à¥à¤“ं से à¤à¤° जाती हैं।
बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¥‚ष बलवान à¤à¥€ होता है, और जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥€ जन अधिक शकà¥à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ होता है।
इसलिये जब तू यà¥à¤¦à¥à¤§ करे, तब यà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ के साथ करना, विजय बहà¥à¤¤ से मनà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होती है।
बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ इतने ऊंचे पर है कि मूढ़ उसे पा नहीं सकता; वह सà¤à¤¾ में अपना मà¥à¤‚ह खोल नहीं सकता॥
जो सोच विचार के बà¥à¤°à¤¾à¤ˆ करता है, उस को लोग दà¥à¤·à¥à¤Ÿ कहते हैं।
मूरà¥à¤–ता का विचार à¤à¥€ पाप है, और ठटà¥à¤ ा करने वाले से मनà¥à¤·à¥à¤¯ घृणा करते हैं॥
यदि तू विपतà¥à¤¤à¤¿ के समय साहस छोड़ दे, तो तेरी शकà¥à¤¤à¤¿ बहà¥à¤¤ कम है।
जो मार डाले जाने के लिये घसीटे जाते हैं उन को छà¥à¤¡à¤¼à¤¾; और जो घात किठजाने को हैं उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ मत पकड़ा।
यदि तू कहे, कि देख मैं इस को जानता न था, तो कà¥à¤¯à¤¾ मन का जांचने वाला इसे नहीं समà¤à¤¤à¤¾? और कà¥à¤¯à¤¾ तेरे पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ का रकà¥à¤·à¤• इसे नहीं जानता? और कà¥à¤¯à¤¾ वह हर à¤à¤• मनà¥à¤·à¥à¤¯ के काम का फल उसे न देगा?
हे मेरे पà¥à¤¤à¥à¤° तू मधॠखा, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वह अचà¥à¤›à¤¾ है, और मधॠका छतà¥à¤¤à¤¾ à¤à¥€, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वह तेरे मà¥à¤‚ह में मीठा लगेगा।
इसी रीति बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ à¤à¥€ तà¥à¤à¥‡ वैसी ही मीठी लगेगी; यदि तू उसे पा जाठतो अनà¥à¤¤ में उसका फल à¤à¥€ मिलेगा, और तेरी आशा न टूटेगी॥
हे दà¥à¤·à¥à¤Ÿ, तू धरà¥à¤®à¥€ के निवास को नाश करने के लिये घात को न बैठ; ओर उस के विशà¥à¤°à¤¾à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ को मत उजाड़;
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि धरà¥à¤®à¥€ चाहे सात बार गिरे तौà¤à¥€ उठखड़ा होता है; परनà¥à¤¤à¥ दà¥à¤·à¥à¤Ÿ लोग विपतà¥à¤¤à¤¿ में गिर कर पड़े ही रहते हैं।
जब तेरा शतà¥à¤°à¥ गिर जाठतब तू आननà¥à¤¦à¤¿à¤¤ न हो, और जब वह ठोकर खाà¤, तब तेरा मन मगन न हो।
कहीं à¤à¤¸à¤¾ न हो कि यहोवा यह देख कर अपà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ हो और अपना कà¥à¤°à¥‹à¤§ उस पर से हटा ले॥
कà¥à¤•मिरà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के कारण मत कà¥à¤¢à¤¼ दà¥à¤·à¥à¤Ÿ लोगों के कारण डाह न कर;
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि बà¥à¤°à¥‡ मनà¥à¤·à¥à¤¯ को अनà¥à¤¤ में कà¥à¤› फल न मिलेगा, दà¥à¤·à¥à¤Ÿà¥‹à¤‚ का दिया बà¥à¤à¤¾ दिया जाà¤à¤—ा॥
हे मेरे पà¥à¤¤à¥à¤°, यहोवा और राजा दोनों का à¤à¤¯ मानना; और बलवा करने वालों के साथ न मिलना;
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उन पर विपतà¥à¤¤à¤¿ अचानक आ पड़ेगी, और दोनों की ओर से आने वाली आपतà¥à¤¤à¤¿ को कौन जानता है?
बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के वचन यह à¤à¥€ हैं॥ नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ में पकà¥à¤·à¤ªà¤¾à¤¤ करना, किसी रीति à¤à¥€ अचà¥à¤›à¤¾ नहीं।
जो दà¥à¤·à¥à¤Ÿ से कहता है कि तू निरà¥à¤¦à¥‹à¤· है, उस को तो हर समाज के लोग शाप देते और जाति जाति के लोग धमकी देते हैं;
परनà¥à¤¤à¥ जो लोग दà¥à¤·à¥à¤Ÿ को डांटते हैं उनका à¤à¤²à¤¾ होता है, और उतà¥à¤¤à¤® से उतà¥à¤¤à¤® आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ उन पर आता है।
जो सीधा उतà¥à¤¤à¤° देता है, वह होठों को चूमता है॥
अपना बाहर का काम काज ठीक करना, और खेत में उसे तैयार कर लेना; उसके बाद अपना घर बनाना॥
वà¥à¤¯à¤°à¥à¤¥ अपने पड़ोसी के विरूदà¥à¤§ साकà¥à¤·à¥€ न देना, और न उस को फà¥à¤¸à¤²à¤¾à¤¨à¤¾à¥¤
मत कह, कि जैसा उस ने मेरे साथ किया वैसा ही मैं à¤à¥€ उसके साथ करूंगा; और उस को उसके काम के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° पलटा दूंगा॥
मैं आलसी के खेत के पास से और निरà¥à¤¬à¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ मनà¥à¤·à¥à¤¯ की दाख की बारी के पास हो कर जाता था,
तो कà¥à¤¯à¤¾ देखा, कि वहां सब कहीं कटीले पेड़ à¤à¤° गठहैं; और वह बिचà¥à¤›à¥‚ पेड़ों से ढंप गई है, और उसके पतà¥à¤¥à¤° का बाड़ा गिर गया है।
तब मैं ने देखा और उस पर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ पूरà¥à¤µà¤• विचार किया; हां मैं ने देख कर शिकà¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ की।
छोटी सी नींद, à¤à¤• और à¤à¤ªà¤•ी, थोड़ी देर हाथ पर हाथ रख के और लेटे रहना,
तब तेरा कंगालपन डाकू की नाईं, और तेरी घटी हथियारबनà¥à¤¦ के समान आ पड़ेगी॥
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