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वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤µà¤¿à¤µà¤°à¤£
यहोशू
रूत
1 शमूà¤à¤²
2 शमूà¤à¤²
1 राजा
2 राजा
1 इतिहास
2 इतिहास
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नहेमायाह
à¤à¤¸à¥à¤¤à¥‡à¤°
अयà¥à¤¯à¥‚ब
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सà¤à¥‹à¤ªà¤¦à¥‡à¤¶à¤•
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यशायाह
यिरà¥à¤®à¤¯à¤¾à¤¹
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यहेजकेल
दानियà¥à¤¯à¥‡à¤²
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योà¤à¤²
आमोस
ओबदà¥à¤¦à¤¾à¤¹
योना
मीका
नहूम
हबकà¥à¤•ूक
सपनà¥à¤¯à¤¾à¤¹
हागà¥à¤—ै
जकरà¥à¤¯à¤¾à¤¹
मलाकी
मतà¥à¤¤à¥€
मरकà¥à¤¸
लूका
यूहनà¥à¤¨à¤¾
पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤à¥‹à¤‚ के काम
रोमियो
1 कà¥à¤°à¤¿à¤¨à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
2 कà¥à¤°à¤¿à¤¨à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
गलातियों
इफिसियों
फिलिपà¥à¤ªà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
कà¥à¤²à¥à¤¸à¥à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
1 थिसà¥à¤¸à¤²à¥à¤¨à¥€à¤•ियों
2 थिसà¥à¤¸à¤²à¥à¤¨à¥€à¤•ियों
1 तीमà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥à¤¸
2 तीमà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥à¤¸
तीतà¥à¤¸
फिलेमोन
इबà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
याकूब
1 पतरस
2 पतरस
1 यूहनà¥à¤¨à¤¾
2 यूहनà¥à¤¨à¤¾
3 यूहनà¥à¤¨à¤¾
यहूदा
पà¥à¤°à¤•ाशित वाकà¥à¤¯
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निरà¥à¤—मन : 36
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और बसलेल और ओहोलीआब और सब बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ जिन को यहोवा ने à¤à¤¸à¥€ बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ और समठदी हो, कि वे यहोवा की सारी आजà¥à¤žà¤¾à¤“ं के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° पवितà¥à¤°à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ की सेवकाई के लिये सब पà¥à¤°à¤•ार का काम करना जानें, वे सब यह काम करें॥
तब मूसा ने बसलेल और ओहोलीआब और सब बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ को जिनके हृदय में यहोवा ने बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ का पà¥à¤°à¤•ाश दिया था, अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ जिस जिस को पास आकर काम करने का उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ हà¥à¤† था उन सà¤à¥‹à¤‚ को बà¥à¤²à¤µà¤¾à¤¯à¤¾à¥¤
और इसà¥à¤¤à¥à¤°à¤¾à¤à¤²à¥€ जो जो à¤à¥‡à¤‚ट पवितà¥à¤°à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ की सेवकाई के काम और उसके बनाने के लिये ले आठथे, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ उन पà¥à¤°à¥‚षों ने मूसा के हाथ से ले लिया। तब à¤à¥€ लोग पà¥à¤°à¤¤à¤¿ à¤à¥‹à¤° को उसके पास à¤à¥‡à¤‚ट अपनी इचà¥à¤›à¤¾ से लाते रहें;
और जितने बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ पवितà¥à¤°à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ का काम करते थे वे सब अपना अपना काम छोड़कर मूसा के पास आà¤,
और कहने लगे, जिस काम के करने की आजà¥à¤žà¤¾ यहोवा ने दी है उसके लिये जितना चाहिये उससे अधिक वे ले आठहैं।
तब मूसा ने सारी छावनी में इस आजà¥à¤žà¤¾ का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° करवाया, कि कà¥à¤¯à¤¾ पà¥à¤°à¥‚ष, कà¥à¤¯à¤¾ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€, कोई पवितà¥à¤°à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ के लिये और à¤à¥‡à¤‚ट न लाà¤, इस पà¥à¤°à¤•ार लोग और à¤à¥‡à¤‚ट लाने से रोके गà¤à¥¤
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि सब काम बनाने के लिये जितना सामान आवशà¥à¤¯à¤• था उतना वरन उससे अधिक बनाने वालों के पास आ चà¥à¤•ा था॥
और काम करने वाले जितने बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ थे उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने निवास के लिये बटी हà¥à¤ˆ सूकà¥à¤·à¥à¤® सनी के कपड़े के, और नीले, बैंजनी और लाल रंग के कपड़े के दस पटों को काढ़े हà¥à¤ करूबों सहित बनाया।
à¤à¤• à¤à¤• पट की लमà¥à¤¬à¤¾à¤ˆ अटà¥à¤ ाईस हाथ और चौड़ाई चार हाथ की हà¥à¤ˆ; सब पट à¤à¤• ही नाप के बने।
उसने पांच पट à¤à¤• दूसरे से जोड़ दिà¤, और फिर दूसरे पांच पट à¤à¥€ à¤à¤• दूसरे से जोड़ दिà¤à¥¤
और जहां ये पट जोड़े गठवहां की दोनों छोरों पर उसने पीली नीली फलियां लगाईं।
उसने दोनों छोरों में पचास पचास फलियां इस पà¥à¤°à¤•ार लगाई कि वे आमà¥à¤¹à¤¨à¥‡-सामà¥à¤¹à¤¨à¥‡ हà¥à¤ˆà¥¤
और उसने सोने की पचास घà¥à¤‚डियां बनाईं, और उनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पटों को à¤à¤• दूसरे से à¤à¤¸à¤¾ जोड़ा कि निवास मिलकर à¤à¤• हो गया।
फिर निवास के ऊपर के तमà¥à¤¬à¥‚ के लिये उसने बकरी के बाल के गà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¹ पट बनाà¤à¥¤
à¤à¤• à¤à¤• पट की लमà¥à¤¬à¤¾à¤ˆ तीस हाथ और चौड़ाई चार हाथ की हà¥à¤ˆ; और गà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¹à¥‹à¤‚ पट à¤à¤• ही नाप के थे।
इन में से उसने पांच पट अलग और छ: पट अलग जोड़ दिà¤à¥¤
और जहां दोनों जोड़े गठवहां की छोरों में उसने पचास पचास फलियां लगाईं।
और उसने तमà¥à¤¬à¥‚ के जोड़ने के लिये पीतल की पचास घà¥à¤‚डियां à¤à¥€ बनाईं जिस से वह à¤à¤• हो जाà¤à¥¤
और उसने तमà¥à¤¬à¥‚ के लिये लाल रंग से रंगी हà¥à¤ˆ मेंढ़ों की खालों का à¤à¤• ओढ़ना और उसके ऊपर के लिये सूइसों की खालों का à¤à¥€ à¤à¤• ओढ़ना बनाया।
फिर उसने निवास के लिये बबूल की लकड़ी के तखà¥à¤¤à¥‹à¤‚ को खड़े रहने के लिये बनाया।
à¤à¤• à¤à¤• तखà¥à¤¤à¥‡ की लमà¥à¤¬à¤¾à¤ˆ दस हाथ और चौड़ाई डेढ़ हाथ की हà¥à¤ˆà¥¤
à¤à¤• à¤à¤• तखà¥à¤¤à¥‡ में à¤à¤• दूसरी से जोड़ी हà¥à¤ˆ दो दो चूलें बनीं, निवास के सब तखà¥à¤¤à¥‹à¤‚ के लिये उसने इसी à¤à¤¾à¤‚ति बनाईं।
और उसने निवास के लिये तखà¥à¤¤à¥‹à¤‚ को इस रीति से बनाया, कि दकà¥à¤–िन की ओर बीस तखà¥à¤¤à¥‡ लगे।
और इन बीसों तखà¥à¤¤à¥‹à¤‚ के नीचे चांदी की चालीस कà¥à¤¸à¤¿à¤°à¥à¤¯à¤¾à¤‚, अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ à¤à¤• à¤à¤• तखà¥à¤¤à¥‡ के नीचे उसकी दो चूलों के लिये उसने दो कà¥à¤¸à¤¿à¤°à¥à¤¯à¤¾à¤‚ बनाईं।
और निवास की दूसरी अलंग, अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ उतà¥à¤¤à¤° की ओर के लिये à¤à¥€ उसने बीस तखà¥à¤¤à¥‡ बनाà¤à¥¤
और इनके लिये à¤à¥€ उसने चांदी की चालीस कà¥à¤¸à¤¿à¤°à¥à¤¯à¤¾à¤‚, अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ à¤à¤• à¤à¤• तखà¥à¤¤à¥‡ के नीचे दो दो कà¥à¤¸à¤¿à¤°à¥à¤¯à¤¾à¤‚ बनाईं।
और निवास की पिछली अलंग, अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ पशà¥à¤šà¤¿à¤® ओर के लिये उसने छ: तखà¥à¤¤à¥‡ बनाà¤à¥¤
और पिछली अलंग में निवास के कोनों के लिये उसने दो तखà¥à¤¤à¥‡ बनाà¤à¥¤
और वे नीचे से दो दो à¤à¤¾à¤— के बने, और दोनों à¤à¤¾à¤— ऊपर से सिरे तक उन दोनों तखà¥à¤¤à¥‹à¤‚ का ढब à¤à¤¸à¤¾ ही बनाया।
इस पà¥à¤°à¤•ार आठतखà¥à¤¤à¥‡ हà¥à¤, और उनकी चांदी की सोलह कà¥à¤¸à¤¿à¤°à¥à¤¯à¤¾à¤‚ हà¥à¤ˆà¤‚, अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ à¤à¤• à¤à¤• तखà¥à¤¤à¥‡ के नीचे दो दो कà¥à¤¸à¤¿à¤°à¥à¤¯à¤¾à¤‚ हà¥à¤ˆà¤‚।
फिर उसने बबूल की लकड़ी के बेंड़े बनाà¤, अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ निवास की à¤à¤• अलंग के तखà¥à¤¤à¥‹à¤‚ के लिये पांच बेंड़े,
और निवास की दूसरी अलंग के तखà¥à¤¤à¥‹à¤‚ के लिये पांच बेंड़े, और निवास की जो अलंग पशà¥à¤šà¤¿à¤® ओर पिछले à¤à¤¾à¤— में थी उसके लिये à¤à¥€ पांच बेंड़े, बनाà¤à¥¤
और उसने बीच वाले बेंड़े को तखà¥à¤¤à¥‹à¤‚ के मधà¥à¤¯ में तमà¥à¤¬à¥‚ के à¤à¤• सिरे से दूसरे सिरे तक पहà¥à¤‚चने के लिये बनाया।
और तखà¥à¤¤à¥‹à¤‚ को उसने सोने से मढ़ा, और बेंड़ों के घर को काम देने वाले कड़ों को सोने के बनाया, और बेंड़ों को à¤à¥€ सोने से मढ़ा॥
फिर उसने नीले, बैंजनी और लाल रंग के कपड़े का, और बटी हà¥à¤ˆ सूकà¥à¤·à¥à¤® सनी वाले कपड़े का बीचवाला परà¥à¤¦à¤¾ बनाया; वह कढ़ाई के काम किये हà¥à¤ करूबों के साथ बना।
और उसने उसके लिये बबूल के चार खमà¥à¤à¥‡ बनाà¤, और उन को सोने से मढ़ा; उनकी घà¥à¤‚डियां सोने की बनी, और उसने उनके लिये चांदी की चार कà¥à¤¸à¤¿à¤°à¥à¤¯à¤¾à¤‚ ढालीं।
और उसने तमà¥à¤¬à¥‚ के दà¥à¤µà¤¾à¤° के लिये नीले, बैंजनी और लाल रंग के कपड़े का, और बटी हà¥à¤ˆ सूकà¥à¤·à¥à¤® सनी के कपड़े का कढ़ाई का काम किया हà¥à¤† परà¥à¤¦à¤¾ बनाया।
और उसने घà¥à¤‚डियों समेत उसके पांच खमà¥à¤à¥‡ à¤à¥€ बनाà¤, और उनके सिरों और जोड़ने की छड़ों को सोने से मढ़ा, और उनकी पांच कà¥à¤¸à¤¿à¤°à¥à¤¯à¤¾à¤‚ पीतल की बनाईं॥
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