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हागà¥à¤—ै
जकरà¥à¤¯à¤¾à¤¹
मलाकी
मतà¥à¤¤à¥€
मरकà¥à¤¸
लूका
यूहनà¥à¤¨à¤¾
पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤à¥‹à¤‚ के काम
रोमियो
1 कà¥à¤°à¤¿à¤¨à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
2 कà¥à¤°à¤¿à¤¨à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
गलातियों
इफिसियों
फिलिपà¥à¤ªà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
कà¥à¤²à¥à¤¸à¥à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
1 थिसà¥à¤¸à¤²à¥à¤¨à¥€à¤•ियों
2 थिसà¥à¤¸à¤²à¥à¤¨à¥€à¤•ियों
1 तीमà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥à¤¸
2 तीमà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥à¤¸
तीतà¥à¤¸
फिलेमोन
इबà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
याकूब
1 पतरस
2 पतरस
1 यूहनà¥à¤¨à¤¾
2 यूहनà¥à¤¨à¤¾
3 यूहनà¥à¤¨à¤¾
यहूदा
पà¥à¤°à¤•ाशित वाकà¥à¤¯
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2 राजा : 25
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और सिदकियà¥à¤¯à¤¾à¤¹ ने बाबेल के राजा से बलवा किया। उसके राजà¥à¤¯ के नौवें वरà¥à¤· के दसवें महीने के दसवें दिन को बाबेल के राजा नबूकदनेसà¥à¤¸à¤° ने अपनी पूरी सेना ले कर यरूशलेम पर चढ़ाई की, और उसके पास छावनी कर के उसके चारों ओर कोट बनाà¤à¥¤
और नगर सिदकियà¥à¤¯à¤¾à¤¹ राजा के गà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¹à¤µà¥‡à¤‚ वरà¥à¤· तक घिरा हà¥à¤† रहा।
चौथे महीने के नौवें दिन से नगर में महंगी यहां तक बढ़ गई, कि देश के लोगों के लिये कà¥à¤› खाने को न रहा।
तब नगर की शहरपनाह में दरार की गई, और दोनों à¤à¥€à¤¤à¥‹à¤‚ के बीच जो फाटक राजा की बारी के निकट था उस मारà¥à¤— से सब योदà¥à¤§à¤¾ रात ही रात निकल à¤à¤¾à¤—े। कसदी तो नगर को घेरे हà¥à¤ थे, परनà¥à¤¤à¥ राजा ने अराबा का मारà¥à¤— लिया।
तब कसदियों की सेना ने राजा का पीछा किया, और उसको यरीहो के पास के अराबा में जा लिया, और उसकी पूरी सेना उसके पास से तितर बितर हो गई।
तब वे राजा को पकड़ कर रिबला में बाबेल के राजा के पास ले गà¤, और उसे दणà¥à¤¡ की आजà¥à¤žà¤¾ दी गई।
और उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सिदकियà¥à¤¯à¤¾à¤¹ के पà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ को उसके सामà¥à¤¹à¤¨à¥‡ घात किया और सिदकियà¥à¤¯à¤¾à¤¹ की आंखें फोड़ डालीं और उसे पीतल की बेडिय़ों से जकड़ कर बाबेल को ले गà¤à¥¤
बाबेल के राजा नबूकदनेसà¥à¤¸à¤° के उनà¥à¤¨à¥€à¤¸à¤µà¥‡à¤‚ वरà¥à¤· के पांचवें महीने के सातवें दिन को जलà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‹à¤‚ का पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ नबूजरदान जो बाबेल के राजा का à¤à¤• करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ था, यरूशलेम में आया।
और उसने यहोवा के à¤à¤µà¤¨ और राजà¤à¤µà¤¨ और यरूशलेम के सब घरों को अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ हर à¤à¤• बड़े घर को आग लगा कर फूंक दिया।
और यरूशलेम के चारों ओर की सब शहरपनाह को कसदियो की पूरी सेना ने जो जलà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ के संग थी ढा दिया।
और जो लोग नगर में रह गठथे, और जो लोग बाबेल के राजा के पास à¤à¤¾à¤— गठथे, और साधारण लोग जो रह गठथे, इन सà¤à¥‹à¤‚ को जलà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‹à¤‚ का पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ नबूजरदान बनà¥à¤§à¥à¤† कर के ले गया।
परनà¥à¤¤à¥ जलà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ ने देश के कंगालों में से कितनों को दाख की बारियों की सेवा और काशà¥à¤¤à¤•ारी करने को छोड़ दिया।
और यहोवा के à¤à¤µà¤¨ में जो पीतल के खमà¥à¤à¥‡ थे और कà¥à¤¸à¤¿à¤°à¥à¤¯à¤¾à¤‚ और पीतल का हौद जो यहोवा के à¤à¤µà¤¨ में था, इन को कसदी तोड़ कर उनका पीतल बाबेल को ले गà¤à¥¤
और हणà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚, फावडिय़ों, चिमटों, धूपदानों और पीतल के सब पातà¥à¤°à¥‹à¤‚ को जिन से सेवा टहल होती थी, वे ले गà¤à¥¤
और करछे और कटोरियां जो सोने की थीं, और जो कà¥à¤› चानà¥à¤¦à¥€ का था, वह सब सोना, चानà¥à¤¦à¥€, जलà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‹à¤‚ का पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ ले गया।
दोनों खमà¥à¤à¥‡, à¤à¤• हौद और जो कà¥à¤¸à¤¿à¤°à¥à¤¯à¤¾à¤‚ सà¥à¤²à¥ˆà¤®à¤¾à¤¨ ने यहोवा के à¤à¤µà¤¨ के लिये बनाठथे, इन सब वसà¥à¤¤à¥à¤“ं का पीतल तौल से बाहर था।
à¤à¤• à¤à¤• खमà¥à¤à¥‡ की ऊंचाई अठारह अठारह हाथ की थी और à¤à¤• à¤à¤• खमà¥à¤à¥‡ के ऊपर तीन तीन हाथ ऊंची पीतल की à¤à¤• à¤à¤• कंगनी थी, और à¤à¤• à¤à¤• कंगनी पर चारों ओर जो जाली और अनार बने थे, वे सब पीतल के थे।
और जलà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ ने सरायाह महायाजक और उस के नीचे के याजक सपनà¥à¤¯à¤¾à¤¹ और तीनों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤ªà¤¾à¤²à¥‹à¤‚ को पकड़ लिया।
और नगर में से उसने à¤à¤• हाकिम को पकड़ा जो योदà¥à¤§à¤¾à¤“ं के ऊपर था, और जो पà¥à¤°à¥à¤· राजा के समà¥à¤®à¥à¤– रहा करते थे, उन में से पांच जन जो नगर में मिले, और सेनापति का मà¥à¤¨à¥à¤¶à¥€ जो लोगों को सेना में à¤à¤°à¤¤à¥€ किया करता था; और लोगों में से साठपà¥à¤°à¥à¤· जो नगर में मिले।
इन को जलà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‹à¤‚ का पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ नबूजरदान पकड़ कर रिबला के राजा के पास ले गया।
तब बाबेल के राजा ने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ हमात देश के रिबला में à¤à¤¸à¤¾ मारा कि वे मर गà¤à¥¤ यों यहूदी बनà¥à¤§à¥à¤† बन के अपने देश से निकाल दिठगà¤à¥¤
और जो लोग यहूदा देश में रह गà¤, जिन को बाबेल के राजा नबूकदनेसà¥à¤¸à¤° ने छोड़ दिया, उन पर उसने अहीकाम के पà¥à¤¤à¥à¤° गदलà¥à¤¯à¤¾à¤¹ को जो शापान का पोता था अधिकारी ठहराया।
जब दलों के सब पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ ने अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ नतनà¥à¤¯à¤¾à¤¹ के पà¥à¤¤à¥à¤° इशà¥à¤®à¤¾à¤à¤² कारेहू के पà¥à¤¤à¥à¤° योहानान, नतोपाई, तनà¥à¤¹à¥‚मेत के पà¥à¤¤à¥à¤° सरायाह और किसी माकाई के पà¥à¤¤à¥à¤° याजनà¥à¤¯à¤¾à¤¹ ने और उनके जनों ने यह सà¥à¤¨à¤¾, कि बाबेल के राजा ने गदलà¥à¤¯à¤¾à¤¹ को अधिकारी ठहराया है, तब वे अपने अपने जनों समेत मिसà¥à¤ªà¤¾ में गदलà¥à¤¯à¤¾à¤¹ के पास आà¤à¥¤
और गदलà¥à¤¯à¤¾à¤¹ ने उन से और उन के जनों से शपथ खा कर कहा, कसदियों के सिपाहियों से न डरो, देश में रहते हà¥à¤ बाबेल के राजा के आधीन रहो, तब तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤²à¤¾ होगा।
परनà¥à¤¤à¥ सातवें महीने में नतनà¥à¤¯à¤¾à¤¹ का पà¥à¤¤à¥à¤° इशà¥à¤®à¤¾à¤à¤², जो à¤à¤²à¥€à¤¶à¤¾à¤®à¤¾ का पोता और राजवंश का था, उसने दस जन संग ले गदलà¥à¤¯à¤¾à¤¹ के पास जा कर उसे à¤à¤¸à¤¾ मारा कि वह मर गया, और जो यहूदी और कसदी उसके संग मिसà¥à¤ªà¤¾ में रहते थे, उन को à¤à¥€ मार डाला।
तब कà¥à¤¯à¤¾ छोटे कà¥à¤¯à¤¾ बड़े सारी पà¥à¤°à¤œà¤¾ के लोग और दलों के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ कसदियों के डर के मारे उठकर मिसà¥à¤° में जा कर रहने लगे।
फिर यहूदा के राजा यहोयाकीन की बनà¥à¤§à¥à¤†à¤ˆ के तैंतीसवें वरà¥à¤· में अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ जिस वरà¥à¤· में बाबेल का राजा à¤à¤µà¥€à¤²à¥à¤®à¤°à¥‹à¤¦à¤• राजगदà¥à¤¦à¥€ पर विराजमान हà¥à¤†, उसी के बारहवें महीने के सतà¥à¤¤à¤¾à¤ˆà¤¸à¤µà¥‡à¤‚ दिन को उसने यहूदा के राजा यहोयाकीन को बनà¥à¤¦à¥€à¤—ृह से निकाल कर बड़ा पद दिया।
और उस से मधà¥à¤° मधà¥à¤° वचन कह कर जो राजा उसके संग बाबेल में बनà¥à¤§à¥à¤ थे उनके सिंहासनों से उस के सिंहासन को अधिक ऊंचा किया,
और उसके बनà¥à¤¦à¥€à¤—ृह के वसà¥à¤¤à¥à¤° बदल दिठऔर उसने जीवन à¤à¤° नितà¥à¤¯ राजा के समà¥à¤®à¥à¤– à¤à¥‹à¤œà¤¨ किया।
और पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ के खरà¥à¤š के लिये राजा के यहां से नितà¥à¤¯ का खरà¥à¤š ठहराया गया जो उसके जीवन à¤à¤° लगातार उसे मिलता रहा।
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