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सपनà¥à¤¯à¤¾à¤¹
हागà¥à¤—ै
जकरà¥à¤¯à¤¾à¤¹
मलाकी
मतà¥à¤¤à¥€
मरकà¥à¤¸
लूका
यूहनà¥à¤¨à¤¾
पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤à¥‹à¤‚ के काम
रोमियो
1 कà¥à¤°à¤¿à¤¨à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
2 कà¥à¤°à¤¿à¤¨à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
गलातियों
इफिसियों
फिलिपà¥à¤ªà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
कà¥à¤²à¥à¤¸à¥à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
1 थिसà¥à¤¸à¤²à¥à¤¨à¥€à¤•ियों
2 थिसà¥à¤¸à¤²à¥à¤¨à¥€à¤•ियों
1 तीमà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥à¤¸
2 तीमà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥à¤¸
तीतà¥à¤¸
फिलेमोन
इबà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
याकूब
1 पतरस
2 पतरस
1 यूहनà¥à¤¨à¤¾
2 यूहनà¥à¤¨à¤¾
3 यूहनà¥à¤¨à¤¾
यहूदा
पà¥à¤°à¤•ाशित वाकà¥à¤¯
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और सà¥à¤²à¥ˆà¤®à¤¾à¤¨ ने अपने महल को बनाया, और उसके पूरा करने में तेरह वरà¥à¤· लगे।
और उसने लबानोनी वन नाम महल बनाया जिसकी लमà¥à¤¬à¤¾à¤ˆ सौ हाथ, चौड़ाई पचास हाथ और ऊंचाई तीस हाथ की थी; वह तो देवदारॠके खमà¥à¤à¥‹à¤‚ की चार पांति पर बना और खमà¥à¤à¥‹à¤‚ पर देवदारॠकी कडिय़ां धरी गईं।
और खमà¥à¤à¥‹à¤‚ के ऊपर देवदारॠकी छत वाली पैंतालीस कोठरियां अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ à¤à¤• à¤à¤• महल में पनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¹ कोठरियां बनीं।
तीनों महलों में कडिय़ां धरी गई, और तीनों में खिड़कियां आमà¥à¤¹à¤¨à¥‡ सामà¥à¤¹à¤¨à¥‡ बनीं।
और सब दà¥à¤µà¤¾à¤° और बाजà¥à¤“ं की कडिय़ां à¤à¥€ चौकोर थी, और तीनों महलों में खिड़कियां आमà¥à¤¹à¤¨à¥‡ सामà¥à¤¹à¤¨à¥‡ बनीं।
और उसने à¤à¤• खमà¥à¤à¥‡à¤µà¤¾à¤²à¤¾ ओसारा à¤à¥€ बनाया जिसकी लमà¥à¤¬à¤¾à¤ˆ पचास हाथ और चौड़ाई तीस हाथ की थी, और इन खमà¥à¤à¥‹à¤‚ के सामà¥à¤¹à¤¨à¥‡ à¤à¤• खमà¥à¤à¥‡ वाला ओसारा और उसके सामà¥à¤¹à¤¨à¥‡ डेवढ़ी बनाई।
फिर उसने नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ के सिंहासन के लिये à¤à¥€ à¤à¤• ओसारा बनाया, जो नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ का ओसारा कहलाया; और उस में à¤à¤• फ़रà¥à¤¶ से दूसरे फ़रà¥à¤¶ तक देवदारॠकी तखà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¨à¥à¤¦à¥€ थी।
और उसी के रहने का à¤à¤µà¤¨ जो उस ओसारे के à¤à¥€à¤¤à¤° के à¤à¤• और आंगन में बना, वह à¤à¥€ उसी ढब से बना। फिर उसी ओसारे के ढब से सà¥à¤²à¥ˆà¤®à¤¾à¤¨ ने फ़िरौन की बेटी के लिये जिस को उसने बà¥à¤¯à¤¾à¤¹ लिया था, à¤à¤• और à¤à¤µà¤¨ बनाया।
ये सब घर बाहर à¤à¥€à¤¤à¤° नेव से मà¥à¤‚ढेर तक à¤à¤¸à¥‡ अनमोल और गढ़े हà¥à¤ पतà¥à¤¥à¤°à¥‹à¤‚ के बने जो नापकर, और आरों से चीरकर तैयार किये गठथे और बाहर के आंगन से ले बड़े आंगन तक लगाठगà¤à¥¤
उसकी नेव तो बड़े मोल के बड़े बड़े अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ दस दस और आठआठहाथ के पतà¥à¤¥à¤°à¥‹à¤‚ की डाली गई थी।
और ऊपर à¤à¥€ बड़े मोल के पतà¥à¤¥à¤° थे, जो नाप से गढ़े हà¥à¤ थे, और देवदारॠकी लकड़ी à¤à¥€ थी।
और बड़े आंगन के चारों ओर के घेरे में गढ़े हà¥à¤ पतà¥à¤¥à¤°à¥‹à¤‚ के तीन रदà¥à¤¦à¥‡, और देवदारॠकी कडिय़ों का à¤à¤• परत था, जैसे कि यहोवा के à¤à¤µà¤¨ के à¤à¥€à¤¤à¤° वाले आंगन और à¤à¤µà¤¨ के ओसारे में लगे थे।
फिर राजा सà¥à¤²à¥ˆà¤®à¤¾à¤¨ ने सोर से हीराम को बà¥à¤²à¤µà¤¾ à¤à¥‡à¤œà¤¾à¥¤
वह नपà¥à¤¤à¤¾à¤²à¥€ के गोतà¥à¤° की किसी विधवा का बेटा था, और उसका पिता à¤à¤• सोरवासी ठठेरा था, और वह पीतल की सब पà¥à¤°à¤•ार की कारीगरी में पूरी बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿, निपà¥à¤£à¤¤à¤¾ और समठरखता था। सो वह राजा सà¥à¤²à¥ˆà¤®à¤¾à¤¨ के पास आकर उसका सब काम करने लगा।
उसने पीतल ढालकर अठारह अठारह हाथ ऊंचे दो खमà¥à¤à¥‡ बनाà¤, और à¤à¤• à¤à¤• का घेरा बारह हाथ के सूत का था।
और उसने खमà¥à¤à¥‹à¤‚ के सिरों पर लगाने को पीतल ढालकर दो कंगनी बनाईं; à¤à¤• à¤à¤• कंगनी की ऊंचाई, पांच पांच हाथ की थी।
और खमà¥à¤à¥‹à¤‚ के सिरों पर की कंगनियों के लिये चारखाने की सात सात जालियां, और सांकलों की सात सात à¤à¤¾à¤²à¤°à¥‡à¤‚ बनीं।
और उसने खमà¥à¤à¥‹à¤‚ को à¤à¥€ इस पà¥à¤°à¤•ार बनाया; कि खमà¥à¤à¥‹à¤‚ के सिरों पर की à¤à¤• à¤à¤• कंगनी के ढांपने को चारों ओर जालियों की à¤à¤• à¤à¤• पांति पर अनारों की दो पांतियां हों।
और जो कंगनियां ओसारों में खमà¥à¤à¥‹ के सिरों पर बनीं, उन में चार चार हाथ ऊंचे सोसन के फूल बने हà¥à¤ थे।
और à¤à¤• à¤à¤• खमà¥à¤à¥‡ के सिरे पर, उस गोलाई के पास जो जाली से लगी थी, à¤à¤• और कंगनी बनी, और à¤à¤• à¤à¤• कंगनी पर जो अनार चारों ओर पांति पांति करके बने थे वह दो सौ थे।
उन खमà¥à¤à¥‹à¤‚ को उसने मनà¥à¤¦à¤¿à¤° के ओसारे के पास खड़ा किया, और दाहिनी ओर के खमà¥à¤à¥‡ को खड़ा करके उसका नाम याकीन रखा; फिर बाईं ओर के खमà¥à¤à¥‡ को खड़ा करके उसका नाम बोआज़ रखा।
और खमà¥à¤à¥‹à¤‚ के सिरों पर सोसन के फूल का काम बना था खमà¥à¤à¥‹à¤‚ का काम इसी रीति हà¥à¤†à¥¤
फिर उसने à¤à¤• ढाला हà¥à¤† à¤à¤• बड़ा हौज़ बनाया, जो à¤à¤• छोर से दूसरी छोर तक दस हाथ चौड़ा था, उसका आकार गोल था, और उसकी ऊंचाई पांच हाथ की थी, और उसके चारों ओर का घेरा तीस हाथ के सूत के बराबर था।
और उसके चारों ओर मोहड़े के नीचे à¤à¤• à¤à¤• हाथ में दस दस इनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤¯à¤¨ बने, जो हौज को घेरे थीं; जब वह ढाला गया; तब ये इनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤¯à¤¨ à¤à¥€ दो पांति करके ढाले गà¤à¥¤
और वह बारह बने हà¥à¤ बैलों पर रखा गया जिन में से तीन उतà¥à¤¤à¤°, तीन पशà¥à¤šà¤¿à¤®, तीन दकà¥à¤–िन, और तीन पूरà¥à¤µ की ओर मà¥à¤‚ह किठहà¥à¤ थे; और उन ही के ऊपर हौज था, और उन सà¤à¥‹à¤‚ का पिछला अंग à¤à¥€à¤¤à¤° की ओर था।
और उसका दल चौबा à¤à¤° का था, और उसका मोहड़ा कटोरे के मोहड़े की नाईं सोसन के फूलों के काम से बना था, और उस में दो हज़ार बत की समाई थी।
फिर उसने पीतल के दस पाये बनाà¤, à¤à¤• à¤à¤• पाये की लमà¥à¤¬à¤¾à¤ˆ चार हाथ, चौड़ाई à¤à¥€ चार हाथ और ऊंचाई तीन हाथ की थी।
उन पायों की बनावट इस पà¥à¤°à¤•ार थी; उनके पटरियां थीं, और पटरियों के बीचोंबीच जोड़ à¤à¥€ थे।
और जोड़ों के बीचों बीच की पटरियों पर सिंह, बैल, और करूब बने थे और जोड़ों के ऊपर à¤à¥€ à¤à¤• à¤à¤• और पाया बना और सिंहों और बैलों के नीचे लटकते हà¥à¤ हार बने थे।
और à¤à¤• à¤à¤• पाये के लिये पीतल के चार पहिये और पीतल की धà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ बनी; और à¤à¤• à¤à¤• के चारों कोनों से लगे हà¥à¤ कंधे à¤à¥€ ढाल कर बनाठगठजो हौदी के नीचे तक पहà¥à¤‚चते थे, और à¤à¤• à¤à¤• कंधे के पास हार बने हà¥à¤ थे।
और हौदी का मोहड़ा जो पाये की कंगनी के à¤à¥€à¤¤à¤° और ऊपर à¤à¥€ था वह à¤à¤• हाथ ऊंचा था, और पाये का मोहड़ा जिसकी चौड़ाई डेढ़ हाथ की थी, वह पाये की बनावट के समान गोल बना; और पाये के उसी मोहड़े पर à¤à¥€ कà¥à¤› खà¥à¤¦à¤¾ हà¥à¤† काम था और उनकी पटरियां गोल नहीं, चौकोर थीं।
और चारों पहिये, पटरियो के नीचे थे, और à¤à¤• à¤à¤• पाये के पहियों में धà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ à¤à¥€ थीं; और à¤à¤• à¤à¤• पहिये की ऊंचाई डेढ़ हाथ की थी।
पहियों की बनावट, रथ के पहिये की सी थी, और उनकी धà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚, पà¥à¤Ÿà¥à¤ ियां, आरे, और नाà¤à¥‡à¤‚ सब ढाली हà¥à¤ˆ थीं।
और à¤à¤• à¤à¤• पाये के चारों कोनों पर चार कंधे थे, और कंधे और पाये दोनों à¤à¤• ही टà¥à¤•ड़े के बने थे।
और à¤à¤• à¤à¤• पाये के सिरे पर आध हाथ ऊंची चारों ओर गोलाई थी, और पाये के सिरे पर की टेकें और पटरियां पाये से जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ हà¥à¤ à¤à¤• ही टà¥à¤•ड़े के बने थे।
और टेकों के पाटों और पटरियों पर जितनी जगह जिस पर थी, उस में उसने करूब, और सिंह, और खजूर के वृकà¥à¤· खोद कर à¤à¤° दिये, और चारों ओर हार à¤à¥€ बनाà¤à¥¤
इसी पà¥à¤°à¤•ार से उसने दसों पायों को बनाया; सà¤à¥‹à¤‚ का à¤à¤• ही सांचा और à¤à¤• ही नाप, और à¤à¤• ही आकार था।
और उसने पीतल की दस हौदी बनाईं। à¤à¤• à¤à¤• हौदी में चालीस चालीस बत की समाई थी; और à¤à¤• à¤à¤•, चार चार हाथ चौड़ी थी, और दसों पायों में से à¤à¤• à¤à¤• पर, à¤à¤• à¤à¤• हौदी थी।
और उसने पांच हौदी à¤à¤µà¤¨ की दकà¥à¤–िन की ओर, और पांच उसकी उतà¥à¤¤à¤° की ओर रख दीं; और हौज़ को à¤à¤µà¤¨ की दाहिनी ओर अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ पूरà¥à¤µ की ओर, और दकà¥à¤–िन के सामà¥à¤¹à¤¨à¥‡ धर दिया।
और हीराम ने हौदियों, फावडिय़ों, और कटोरों को à¤à¥€ बनाया। सो हीराम ने राजा सà¥à¤²à¥ˆà¤®à¤¾à¤¨ के लिये यहोवा के à¤à¤µà¤¨ में जितना काम करना था, वह सब निपटा दिया,
अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ दो खमà¥à¤à¥‡, और उन कंगनियों की गोलाइयां जो दोनों खमà¥à¤à¥‹à¤‚ के सिरे पर थीं, और दोनों खमà¥à¤à¥‹à¤‚ के सिरों पर की गोलाइयों के ढांपने को दो दो जालियां, और दोनों जालियों के लिय चार चार सौ अनार,
अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ खमà¥à¤à¥‹à¤‚ के सिरों पर जो गोलाइयां थीं, उनके ढांपने के लिये अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ à¤à¤• à¤à¤• जाली के लिये अनारों की दो दो पांति;
दस पाये और इन पर की दस हौदी,
à¤à¤• हौज़ और उसके नीचे के बारह बैल, और हंडे, फावडिय़ां,
और कटोरे बने। ये सब पातà¥à¤° जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ हीराम ने यहोवा के à¤à¤µà¤¨ के निमितà¥à¤¤ राजा सà¥à¤²à¥ˆà¤®à¤¾à¤¨ के लिये बनाया, वह à¤à¤²à¤•ाये हà¥à¤ पीतल के बने।
राजा ने उन को यरदन की तराई में अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ सà¥à¤•à¥à¤•ोत और सारतान के मधà¥à¤¯ की चिकनी मिटà¥à¤Ÿà¥€ वाली à¤à¥‚मि में ढाला।
और सà¥à¤²à¥ˆà¤®à¤¾à¤¨ ने सब पातà¥à¤°à¥‹à¤‚ को बहà¥à¤¤ अधिक होने के कारण बिना तौले छोड़ दिया, पीतल के तौल का वज़न मालूम न हो सका।
यहोवा के à¤à¤µà¤¨ के जितने पातà¥à¤° थे सà¥à¤²à¥ˆà¤®à¤¾à¤¨ ने सब बनाà¤, अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ सोने की वेदी, और सोने की वह मेज़ जिस पर à¤à¥‡à¤‚ट की रोटी रखी जाती थी,
और चोखे सोने की दीवटें जो à¤à¥€à¤¤à¤°à¥€ कोठरी के आगे पांच तो दकà¥à¤–िन की ओर, और पांच उतà¥à¤¤à¤° की ओर रखी गई; और सोने के फूल,
दीपक और चिमटे, और चोखे सोने के तसले, कैंचियां, कटोरे, धूपदान, और करछे और à¤à¥€à¤¤à¤° वाला à¤à¤µà¤¨ जो परमपवितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ कहलाता है, और à¤à¤µà¤¨ जो मनà¥à¤¦à¤¿à¤° कहलाता है, दोनों के किवाड़ों के लिये सोने के कबà¥à¤œà¥‡ बने।
निदान जो जो काम राजा सà¥à¤²à¥ˆà¤®à¤¾à¤¨ ने यहोवा के à¤à¤µà¤¨ के लिये किया, वह सब पूरा किया गया। तब सà¥à¤²à¥ˆà¤®à¤¾à¤¨ ने अपने पिता दाऊद के पवितà¥à¤° किठहà¥à¤ सोने चांदी और पातà¥à¤°à¥‹à¤‚ को à¤à¥€à¤¤à¤° पहà¥à¤‚चा कर यहोवा के à¤à¤µà¤¨ के à¤à¤£à¤¡à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ में रख दिया।
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